गला और उससे निकलती आवाज की बुलंदी जिस शख्स की शिनाख्त थी; उसे गले के कैंसर ने ही निगल लिया। 77 साल के शरद दत्त का 12 फरवरी को फानी दुनिया से कूच कर जाना दरअसल हिंदी की सिनेमा हॉल सांस्कृतिक पत्रकारिता के एक स्तंभ का ढह जाना है। लिखित और मौखिक अल्फाज के जरिए उन्होंने बहुत कुछ ऐसा कहा और सुनाया, जो अब तवारीख का हिस्सा बन गया।