loader

कृषि क़ानूनों को वापस ले केंद्र, वरना सुप्रीम कोर्ट जाएंगे: अमरिंदर

दिल्ली-हरियाणा के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन से एक और जहां केंद्र सरकार परेशान है, वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की इसे लेकर कुछ गंभीर चिंताएं हैं। किसानों के इस आंदोलन में बहुत बड़ी भागीदारी पंजाब के किसानों की है और बीते 8 महीनों से राज्य के भीतर भी किसान धरना दे रहे हैं। आंदोलन के कारण राज्य की माली हालत को भी ख़ासा नुक़सान पहुंचा है। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन के कारण राज्य की क़ानून व्यवस्था के बिगड़ने का अंदेशा जताया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी हमदर्दी किसानों के साथ है लेकिन वे राज्य की क़ानून व्यवस्था को नहीं बिगड़ने देंगे। उन्होंने कहा कि यह बेहद ज़रूरी है कि राज्य में हालात सामान्य हों और किसान अपने काम पर लौटें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पंजाब में आतंकवाद का दौर देखा है। 

ताज़ा ख़बरें

मुख्यमंत्री ने एएनआई से बातचीत में किसानों को आतंकवादी बताने वालों को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि आंदोलन में बैठे लोग बेहद साधारण लोग हैं और वे अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए इस आंदोलन को लड़ रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब वक़्त आ गया है कि प्रधानमंत्री इस मामले को गंभीरता से लें और इन क़ानूनों को ख़त्म करें वरना उनकी सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रूख़ करेगी।

किसानों के आंदोलन पर देखिए वीडियो- 

शाह से मिले थे अमरिंदर

26 नवंबर को जब किसानों ने पंजाब से दिल्ली कूच किया था और दिल्ली के बॉर्डर्स पर आकर डट गए थे तो कुछ ही दिन बाद अमरिंदर सिंह दिल्ली आए थे और उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शाह को बताया था कि इस आंदोलन से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर हो रहा है। 

शाह के साथ बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था कि उन्होंने गृह मंत्री को पंजाब के हालात के बारे में जानकारी दी है और मांग की है कि इस मसले का हल जल्द निकलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि किसान आंदोलन से पंजाब की माली हालत ख़राब हो रही है। 

Centre should repeal farm laws 2020 amarinder said  - Satya Hindi

पंजाब की सियासत पर असर 

किसान आंदोलन ने पंजाब की सियासत पर ख़ासा असर किया है। किसानों के इन क़ानूनों की जोरदार मुख़ालफत करने के बाद शिरोमणि अकाली दल को एनडीए से बाहर निकलना पड़ा था। इसके अलावा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत की सियासत के सबसे बुजुर्ग नेता सरदार प्रकाश सिंह बादल ने सरकार को पद्म विभूषण अवार्ड लौटा दिया था। बादल के बाद शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म भूषण अवार्ड वापस करने का एलान कर दिया था। 

पंजाब के कई मशहूर गायकों ने किसानों के समर्थन में गाने रिलीज किए हैं। इन गानों को पंजाब में जमकर बजाया जा रहा है और इससे भी किसानों के आंदोलन को बल मिल रहा है। 

पंजाब से और ख़बरें

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब में जून से ही माहौल बनना शुरू हो गया था। किसान आंदोलन के कारण केंद्र सरकार ने मालगाड़ियों और यात्री रेलगाड़ियों के पंजाब आने पर रोक लगा दी थी। कोयला न पहुंच पाने के कारण राज्य के कई इलाक़ों में घंटों के पावर कट लगे थे। इससे व्यापारियों के साथ ही आम लोगों को खासी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा था। 

किसानों ने गुरूवार को ट्रैक्टर ट्राली निकालकर दम दिखाया है और 26 जनवरी को दिल्ली में घुसने की चेतावनी दी है। पंजाब पाकिस्तान से लगता हुआ सूबा है और पाकिस्तान की नज़र भी इस आंदोलन पर है। अमरिंदर सिंह ने भी इस ओर इशारा किया है कि पाकिस्तान राज्य का माहौल बिगाड़ने में जुटा है, ऐसे में केंद्र सरकार को अमरिंदर सिंह की बात को गंभीरता से लेना चाहिए। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें