पंजाब में इस बार आम आदमी पार्टी की ऐसी आंधी चली कि सालों से पंजाब की सियासत में राज करने वाले नेता भी चुनाव हार गए। ऐसे नेता भी चुनाव हारे हैं जिनकी हार का भरोसा करना पंजाब और इसकी राजनीति को समझने वालों के लिए बेहद मुश्किल है।
ऐसे दिग्गजों में 96 साल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल लांबी, उनके बेटे और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों- भदौड़ और चमकौर साहिब, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहरी, राजिंदर कौर भट्ठल लहरागागा, उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी अमृतसर सेंट्रल, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया अमृतसर ईस्ट, मनप्रीत बादल बठिंडा शहरी सीट आदि शामिल हैं।
117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में यह किसी ने नहीं सोचा था कि आम आदमी पार्टी को इतना प्रचंड बहुमत मिलेगा। चुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी को 92 सीटों पर जबकि कांग्रेस को 18, बीजेपी को 2, शिरोमणि अकाली दल को 3, बीएसपी को 1 और 1 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक़, आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत के पीछे दिल्ली का केजरीवाल मॉडल तो है ही लेकिन भगवंत मान की पंजाब की सियासत में पकड़ भी है। मान ने पंजाब में आम आदमी पार्टी की मजबूती के लिए काफी मेहनत की है और शायद इसी वजह से केजरीवाल ने उन्हें सीएम का चेहरा बनाया था। इसलिए यहां पर जरूरी होगा यह जानना कि भगवंत मान कौन है।
कॉमेडियन थे मान
भगवंत मान पंजाब में लगातार दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। वर्तमान में मान संगरूर सीट से लोकसभा सांसद हैं। भगवंत मान राजनीति में आने से पहले पंजाबी कॉमेडी शो और पंजाबी कॉमेडी फिल्मों में काम करते थे। इस वजह से वह उस दौरान भी पंजाब के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। मान इस बार धुरी सीट से चुनाव जीते हैं।
भगवंत मान 2011 में राजनीति में आए और मनप्रीत सिंह बादल की पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब में शामिल हुए। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लेहरा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए।
पंजाब में जब आम आदमी पार्टी ने अपना पांव रखा तो मान 2014 में पार्टी में शामिल हो गए और 2014 के लोकसभा चुनाव में संगरूर से पहली बार सांसद का चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
2017 के विधानसभा चुनाव में भगवंत मान को अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शिकस्त दी थी लेकिन भगवंत मान 2019 का लोकसभा चुनाव फिर से जीतने में सफल रहे।
भगवंत मान शराब पीने के आरोपों के कारण खासी चर्चा में भी रहे और फिर उन्होंने 2019 में आम आदमी पार्टी के एक कार्यक्रम में शपथ ली कि वह अब कभी शराब नहीं पीयेंगे। भगवंत मान को उनके जोरदार भाषणों, शेरो-शायरियों के लिए भी जाना जाता है।
जट सिख समुदाय से आने वाले भगवंत मान पंजाब के मुद्दों को सड़क से लेकर संसद तक उठाते रहे हैं।
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