- पुलवामा हमले के संदर्भ में कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को पाँच सवाल पूछे।
- पहला सवाल - प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा की विफलता के लिए ज़िम्मेदारी क्यों नहीं लेते।
- दूसरा सवाल - आतंकियों को सैकड़ों किग्रा आरडीएक्स, एम 4 कार्बाइन और रॉकेट लांचर कैसे मिले। आरडीएक्स ले जा रही कार को जम्मू-श्रीनगर हाईवे, जहाँ काफिले के सैनिटाइजेशन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, वहाँ प्रवेश करने की अनुमति कैसे मिली?
- तीसरा सवाल - मोदी सरकार ने पुलवामा हमले से 48 घंटे पहले जारी किए गए जैश-ए-मुहम्मद के धमकी भरे वीडियो को नज़रअंदाज क्यों कर दिया। सरकार ने आतंकवादियों द्वारा आईईडी के उपयोग एवं उचित सैनिटाइजेशन के 8 फ़रवरी 2019 के जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिखित इनपुट को नज़रअंदाज क्यों किया?
- चौथा सवाल - गृह मंत्रालय द्वारा हवाई मार्ग से सेना की आवाज़ाही करने के सीआरपीएफ़ और बीएसएफ़ के निवेदन को क्यों ठुकरा दिया गया। क्या काफिले के आगे बढ़ने से पहले ख़राब मौसम की वजह से एक हफ़्ते तक सीआरपीएफ़ के जवान फंसे नहीं रहे थे? क्या हवाई परिवहन की अनुमति देने से हमारे जवानों की बेशक़ीमती जान बच सकती थी?
- पाँचवा सवाल - मोदी सरकार के कार्यकाल के 56 महीनों में अकेले जम्मू-कश्मीर में 488 जवान शहीद हुए, ऐसा क्यों? मोदी सरकार पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा-एलओसी पर 5595 बार गोलाबारी रोकने में नाकाम क्यों रही। नोटबंदी से आतंकवादी हमले बंद क्यों नहीं हुए? जिसका दावा मोदी जी ने किया था।
मोदी, शाह पर बोला हमला
इन पाँच सवालों के अलावा कांग्रेस पार्टी ने 2014 के पहले हुए आतंकी हमलों के समय बीजेपी नेताओं के बयानों को भी सार्वजनिक किया। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि आतंकवाद पर राजनीति करने की नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पुरानी आदत है। सुरजेवाला ने कहा कि जब देश 26/11 के आतंकवादी हमले से जूझ रहा था तब नरेंद्र मोदी हमले के घटनास्थल के पास प्रेस वार्ता कर रहे थे और बाद में बीजेपी ने खून से लथपथ विज्ञापन जारी कर वोट माँगा था।
रविशंकर प्रसाद ने किया पलटवार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस तरह के घटिया आरोप लगाकर सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश न करे। प्रसाद ने कहा कि ऐसा क्यों है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और कांग्रेस के प्रवक्ताओं की भाषा एक जैसी है।बुधवार को हुई बीजेपी और कांग्रेस की प्रेस वार्ताओं से साफ़ है कि आगे भी दोनों तरफ़ से एक-दूसरे पर तीख़े हमले होंगे। पुलवामा के हमले पर ज़बरदस्त राजनीति खेली जाएगी और चुनाव में इसका लाभ लेने की कोशिश की जाएगी।
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