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मैंने कभी भी पाक पत्रकार को आमंत्रित नहीं किया: हामिद अंसारी

एक पाकिस्तानी पत्रकार के दावों के बाद बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पलटवार किया है। पूर्व उपराष्ट्रपति ने एक बयान में कहा कि मुझ पर एक के बाद एक कई झूठे आक्षेप लगाए गए हैं। उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा से मिलने या उन्हें आमंत्रित करने से इनकार किया। पाकिस्तानी पत्रकार पर पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई के साथ संबंध होने का संदेह है।

बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जिस तरह से 2017 में बीजेपी के निशाने पर आए थे कुछ इसी तरह फिर से वह बुधवार को निशाने पर आ गए। क़रीब पाँच साल पहले अंसारी तब निशाने पर आए थे जब उन्होंने देश के मुसलमानों में असुरक्षा संबंधी बयान दिया था और अब वह इसलिए निशाने पर हैं कि एक पाकिस्तानी पत्रकार ने सोशल मीडिया पर उनसे मुलाक़ातों का ज़िक्र किया है। पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के दावों पर अब बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी पत्रकार को 5 बार बुलाकर गोपनीय सूचनाएँ दीं जिसका आईएसआई ने इस्तेमाल किया।

बीजेपी ने यह हमला तब किया है जब पाकिस्तानी पत्रकार मिर्जा ने दावा किया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने उन्हें 2005-2011 के बीच पांच बार भारत आमंत्रित किया था। 

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मिर्जा के इन दावों पर बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कांग्रेस और पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर बड़े आरोप लगाए। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बीजेपी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'देश की जनता की तरफ़ से ये एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसको उठाया जा रहा है। नुसरत मिर्जा पाकिस्तान के पत्रकार हैं, इन्होंने खुद खुलासा किया है कि भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जी पांच बार 2005 से 2011 के बीच में न्यौता देकर भारत बुलाते हैं।'

भाटिया ने कहा कि 'नुसरत मिर्जा साक्षात्कार में कहता है कि जब मैं भारत के दौरे पर था तब तत्कालीन उपराष्ट्रपति मुझे भारत बुलाते हैं। हमारी बातचीत में जो जानकारी साझा की जाती है वो अति संवेदनशील और गोपनीय होती है।'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार बताता है कि अति संवेदनशील और गोपनीय जानकारी एक बार नहीं, बल्कि पाँच बार साझा की गई। बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि उसने ये जानकारी हामिद अंसारी जी से ली और इस जानकारी को भारत के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया गया।' 

गौरव भाटिया ने आगे कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार का साक्षात्कार बता रहा है कि भारत को कमजोर करने के लिए आईएसआई, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है, इस जानकारी को उसके साथ साझा किया गया।

इसके साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। भाटिया ने कहा, 'देश की जनता यह पूछना चाहती है कि आतंकवाद का ख़ात्मा करने के लिए क्या कांग्रेस की सरकार की ये नीति थी? कांग्रेस देश की अति गोपनीय चीजों को दूसरे देश से साझा कर रही थी, जिसका वो आतंकवाद के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।'

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अंसारी ने एक पूर्व जासूसी एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के अधिकारी की टिप्पणियों का हवाला देते हुए बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्होंने ईरान में भारत के राजदूत के रूप में राष्ट्रीय हित से समझौता किया।

पूर्व उपराष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, "कल और आज मीडिया के वर्गों में और भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा व्यक्तिगत रूप से मुझ पर झूठा प्रहार किया गया है: कि भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में मैंने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को आमंत्रित किया था, कि मैं उन्हें नई दिल्ली में 'आतंकवाद' पर एक सम्मेलन में मिला था, और ईरान में राजदूत के रूप में मैंने एक ऐसे मामले में राष्ट्रीय हित के साथ विश्वासघात किया था, जिसके लिए एक सरकारी एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी द्वारा आरोप लगाए गए हैं।''

उन्होंने कहा, "यह एक ज्ञात तथ्य है कि भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण आम तौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से सरकार की सलाह पर होता है। मैंने 11 दिसंबर, 2010 को 'आतंकवाद' पर सम्मेलन का उद्घाटन किया था... जैसा कि सामान्य तौर पर है, आयोजकों द्वारा आमंत्रितों की सूची तैयार की गई। मैंने उन्हें कभी आमंत्रित नहीं किया या उनसे मुलाक़ात नहीं की।'

अंसारी ने बयान में कहा कि ईरान में राजदूत के रूप में मेरा काम उस समय की सरकार की जानकारी में था...।

वैसे, हामिद अंसारी पर यह हमला कोई पहली बार नहीं है। 2017 में उनके ख़िलाफ़ बीजेपी ने यह हमला तब किया था जब उन्होंने एक इंटरव्यू मे कहा था कि देश के मुसलिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है। उन्होंने यह टिप्पणी तब की थी जब उप राष्ट्रपति के तौर पर उनका कार्यकाल ख़त्म होने में कुछ दिन बाक़ी थे। 

बीजेपी के नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। बीजेपी नेता गिरीराज सिंह ने कहा था कि पूरी दुनिया में भारत के नागरिकों से ज़्यादा कोई सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा था, 'यहाँ कोई कुछ भी कह सकता है, कोई भी पत्थरबाजों का समर्थन कर सकता है, कोई भी अलगाववादियों का समर्थन कर सकता है। यहाँ आधी रात को आतंकियों के लिए कोर्ट खुल सकते हैं, इसलिए भारत में हिंदू और मुसलमान सभी सुरक्षित हैं।'

तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर प्रधानमंत्री मोदी ने ही तंज कसा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन में कहा था, 'पिछले दस वर्षों में ये संविधान संबंधित काम आपके ज़िम्मे आया और आपने उसे बखूबी निभाया। हो सकता है कि शायद कोई छटपटाहट रही होगी भीतर आपके अंदर भी, लेकिन आज के बाद शायद वो संकट आपको नहीं रहेगा। मुक्ति का आनंद भी रहेगा और अपनी मूलभूत प्रवृत्ति के अनुसार कार्य करने का, सोचने का और बात बताने का अवसर भी मिलेगा'।

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बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी हामिद अंसारी के बयान से असहमति जताई थी और कहा था कि किसी शीर्ष पद पर बैठ व्यक्ति से इस तरह के हलके बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा था कि इस तरह के बयान देना शीर्ष पद की गरिमा को गिराना है।

इसके बाद 2022 में जब भारत में बढ़ती असहिष्णुता और हिंदू राष्ट्र की प्रवृत्ति को लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने चिंता जताई तो बीजेपी ने फिर से उनपर हमला किया था। तब बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा था कि 'कुछ लोग विदेशी मंच पर जाकर हिंदुस्तान को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। प्रधानमंत्री विदेश जाकर देश की छवि सुधारते हैं और कुछ लोग भारत की छवि धूमिल करने विदेश जाते हैं।' ऐसे ही कई मौक़ों पर पूर्व उप राष्ट्रपति बीजेपी के निशाने पर रहे हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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