देश के पाँच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के ठीक पहले जारी हुए दो सर्वेक्षणों में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल की काँटे की लड़ाई में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस वर्ष 2016 के मुक़ाबले कम सीटें प्राप्त करने के बावजूद फिर अपनी सरकार बना लेगी। एबीपी-सी वोटर के सर्वे में तृणमूल को कुल 294 सीटों में से कम से कम 152 और बीजेपी को ज़्यादा से ज़्यादा 120 सीटें बताई गई हैं। कांग्रेस-वाम दलों के गठबंधन को 26 सीटें मिल सकती हैं। इसी प्रकार टाइम्स नाउ-सी वोटर सर्वे में ममता की पार्टी को 160 और बीजेपी को 112 सीटें बताई गई हैं। यानी दोनों ही सर्वेक्षणों में दोनों दलों को मिल सकने वाली सीटों के अनुमानों में ज़्यादा फ़र्क़ नहीं है।
चुनाव बंगाल का, दाँव पर राजनीति दिल्ली की!
- विचार
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- 29 Mar, 2021

ग़ौर किया जा सकता है कि ममता बनर्जी इतनी डरी हुईं, घबराई हुईं और आशंकित पिछले एक दशक में कभी नहीं देखी गईं। वह अभी तक तो कोलकाता में बैठकर ही दिल्ली को ललकारती रही हैं पर अब दिल्ली स्वयं उनके दरवाज़े पर है और चुनौती भी दे रही है।
उक्त सर्वेक्षण इसलिए ग़लत भी साबित हो सकते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक़ बीजेपी को दो सौ से अधिक सीटें मिलने वाली हैं और सरकार भी उनकी पार्टी की ही बनेगी। पहली कैबिनेट मीटिंग का पहला निर्णय किस विषय पर होगा यह भी उन्होंने बताया है। गृह मंत्री के इस आत्मविश्वास के पीछे निश्चित ही कोई ठोस कारण भी होना चाहिए।