तीस जनवरी 1948 के दुर्भाग्यपूर्ण दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या अगर एक कट्टर हिंदू नाथूराम गोडसे के बजाय किसी मुसलिम सिरफिरे ने कर दी होती तो आज़ाद भारत की तसवीर आज किस तरह की होती! क्या वह वैसी ही बदहवास होती जैसी कि आज दिखाई पड़ रही है अथवा कुछ भिन्न होती?