यूपी विधानसभा चुनाव में बमुश्किल 6 माह का वक़्त बाक़ी है। तमाम राजनीतिक दल चुनावी गोटियाँ बिछाने की शुरुआत कर चुके हैं। बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग के ज़रिए ग़ैर जाटव दलितों और ग़ैर यादव पिछड़ों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए मुखौटों की राजनीति को जारी रखा है। साथ ही बीजेपी ने लव जिहाद, धर्मांतरण और जनसंख्या नियंत्रण जैसे क़ानूनों के ज़रिए मुसलमानों का पैशाचीकरण करके हिंदुओं के मानस में उनके प्रति भय और नफ़रत पैदा करने वाली सांप्रदायिक राजनीति को आगे बढ़ाया है।