तमिलनाडु के दुर्गद्वार में सेंध लगाने की जुगत भिड़ा रही बीजेपी ने 24 दिसंबर को एक ग़लती कर दी। राज्य बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पेरियार की पुण्यतिथि पर एक आपत्तिजनक ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में पेरियार और उनकी पत्नी के बीच उम्र के अंतर पर तंज़ कसा गया था। ट्वीट के सामने आते ही हंगामा मच गया। डीएमके और दूसरे विपक्षी दलों ने इसके लिए बीजेपी की तीख़ी आलोचना की। बीजेपी की सहयोगी पार्टी और राज्य में सरकार चला रही एआईएडीएमके के लिए भी उसका बचाव करना मुश्किल हो गया और आख़िरकार बीजेपी को इस ट्वीट को हटाना पड़ा।
ब्राह्मणवाद के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले पेरियार से क्यों डरती है बीजेपी?
- विचार
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- 28 Dec, 2019

तमिलनाडु में अपनी सियासी जड़ों को मजबूत करने की कोशिश में जुटी बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती रामास्वामी पेरियार ही हैं। बीजेपी का पेरियार से विरोध का बड़ा कारण ‘सच्ची रामायण’ जैसी उनकी रचना भी है। ‘सच्ची रामायण’ में रामायण के तमाम चरित्रों को खलनायक के रूप में पेश किया गया है। मायावती ने एक बार पेरियार की मूर्ति लगाने की कोशिश की थी लेकिन बीजेपी के विरोध के बाद वह पीछे हट गयीं।
पेरियार यानी ई.रामास्वामी नायकर। द्रविड़ आंदोलन के प्रणेता। जिन्होंने 'आर्यों' को हमेशा निशाने पर रखा। उन्होंने अपनी सच्ची रामायण में राम को भी निशाने पर लिया। सिर्फ राम को ही क्यों, पेरियार ईश्वर की अवधारणा को भी नहीं मानते थे और ऐसा करने वाले वह सिर्फ भारत नहीं, दक्षिण एशिया या कहें कि पूरे विश्व के अकेले ऐसे विचारक और राजनेता थे जिन्होंने नास्तिकता के खुले प्रचार के बावजूद राजनीतिक सफलता हासिल की और जनता का प्यार पाया।