कोविड-19 की चपेट में आये देश के पहले और अभी तक के एक मात्र पत्रकार आगरा के पंकज कुलश्रेष्ठ की मृत्यु का एक माह गुज़र जाने के बावजूद न तो राज्य सरकार और न केंद्र ने एक ढेले की सहायता राशि देने की कोई ज़रूरत समझी। इतना ही नहीं, 'दैनिक जागरण' जहाँ उक्त पत्रकार मुख्य उप सम्पादक के रूप में कार्यरत था और अस्वस्थ हो जाने के बावजूद कई दिनों तक ड्यूटी करता रहा था, मृत्यु के बाद का महीना बीत जाने के बावजूद उसके भीतर भी रत्ती भर की सहायता राशि देने की संवेदना नहीं उपजी। दोनों स्तर पर अपने दिवंगत साथी को मिलने वाली उपेक्षा से आहत शहर के पत्रकारों ने हाल ही में अपने लेबल पर चंदा अभियान छेड़ दिया है। पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा पहले सप्ताह में साढ़े 6 लाख का चंदा इकट्ठा कर मृतक की पत्नी के खाते में जमा करवाया गया है। यह अभियान इस महीने के अंत तक चलेगा।