हुकूमतों को अगर गिलहरियों की हलचल से भी ख़तरा महसूस होने लगे तो समझ लिया जाना चाहिए कि हालात कुछ ज़्यादा ही गम्भीर हैं और नागरिकों को अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो जाना चाहिए। ‘जलवायु परिवर्तन’ (climate change) के क्षेत्र से जुड़ी इक्कीस साल की युवा कार्यकर्ता दिशा रवि को तेरह फ़रवरी से पहले तक कोई नहीं जानता होगा या फिर उनके मूल राज्य कर्नाटक में भी गिने-चुने लोग ही जानते होंगे। ‘किसान आंदोलन’ से जुड़ी कोई ‘टूलकिट’ अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जलवायु नेत्री ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) के साथ साझा करने और उसे सम्पादित करने के आरोप में दिशा को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने बंगलुरू से हिरासत में ले लिया था। दिशा के दो और युवा साथी —निकिता जैकब और इंजीनियर शान्तनु मुलुक—भी प्रकरण में आरोपित हैं।