प्रियंका गांधी को संजीदगी से बताए जाने की ज़रूरत है कि जनता इस सम्मोहन से ‘लगभग’ बाहर आ चुकी है कि उसे उनमें अभी भी इंदिरा गांधी की छवि नज़र आती है। ‘लगभग’ शब्द का इस्तेमाल कांग्रेस नेत्री को इस शंका का लाभ देने की गरज से किया गया है कि चमत्कार तो किसी भी उम्र और मुहूर्त में दिखाए जा सकते हैं। ‘मौनी अमावस्या’ के पवित्र दिन प्रियंका प्रयागराज में थीं। भाई राहुल गांधी जिस समय हिंदुत्व की छवि के प्रतीक प्रधानमंत्री पर लोकसभा में हमले की तैयारी कर रहे थे, प्रियंका संगम में डुबकी लगाकर हिंदुत्व का स्नान कर रही थीं, भगवान सूर्य की पूजा कर उन्हें अर्घ्य दे रही थीं। हो सकता है कि प्रियंका ने शक्ति के प्रतीक सूर्य से प्रार्थना की हो कि निस्तेज पड़ी कांग्रेस में जान डालने का कोई उपाय बताएँ।