जिस पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि पर राजद्रोह से लेकर, हिंसा में साज़िश रचने और खालिस्तानियों से संबंध बताने के आरोप लगाए गए थे उसमें 8 महीने बाद भी चार्जशीट क्यों नहीं? बिना सबूत ही लगाए थे आरोप?
कांग्रेस की कथित ‘टूलकिट’ पर ‘मैनिप्युलेटेड मीडिया’ टैग के मामले को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच चल रही तनातनी के बीच दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के कार्यालयों पर छापे मारे हैं। इनमें ट्विटर के दिल्ली के लाडो सराये और गुरुग्राम के कार्यालय शामिल हैं।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। बीजेपी ने कहा - कांग्रेस की ‘टूलिकट’ में मोदी को बदनाम करने की साजिश । सरकारी पैनल की सिफारिश- संक्रमण से ठीक हुए लोगों को 3-9 महीने में लगे टीका
क्या बीजेपी कोरोना के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरना चाहती है और यह प्रचारित करना चाहती है कि कांग्रेस ने कुंभ को 'सुपर स्प्रेडर' कह कर समाज को बाँटने की कोशिश की है?
दिशा रवि को जमानत मिल गई और इस ज़मानत देते समय कोर्ट ने जो टिप्पणी की है वह दिल्ली पुलिस के लिए बड़ा झटका है। अदालत ने कहा है कि जिन आरोपों के तहत दिशा को गिरफ़्तार किया गया है उसके लिए रत्ती भर सबूत नहीं है।
किसान आंदोलन से जुड़ी कोई ‘टूलकिट’ जलवायु नेत्री ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) के साथ साझा करने और उसे सम्पादित करने के आरोप में दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने बंगलुरू से हिरासत में ले लिया था।
47 रिटायर्ड जजों और प्रशासनिक अधिकारियों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख कर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस बग़ैर दवाब के स्वतंत्र रूप से काम करे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिशा रवि मामले में कुछ न्यूज़ चैनलों को सनसनी फैलाने से बचने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि 'आम तौर पर मीडिया इस तरह के सनसनीखेज तरीक़े से जानकारी प्रसारित नहीं कर सकता है।'
टूलकिट मामले में गिरफ़्तार की गई दिशा रवि की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिया टुडे, टाइम्स नाउ और न्यूज़ 18 चैनलों को नोटिस दिया है। दिशा ने इन कथित तौर पर उनके निजी बातचीत को लीक होने और प्रसारित होने से रोकने की मांग की है।
दिल्ली का एक अदालत ने किसान आन्दोलन से जुड़े टूलकिट बनाने के मामले में पर्यावरण व सामाजिक कार्यकर्ता दिशा रवि को रोज़ाना अपने वकील से 30 मिनट और परिवार के लोगों से 15 मिनट की मुलाक़ात करने की इज़ाजत दी है।
किसान आन्दोलन से जुड़े टूलकिट बनाने और उसे शेयर करने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शांतनु मुलुक को अग्रिम ज़मानत मिल गई है। बंबई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने उन्हें यह ज़मानत दी है।
सवाल उठता है कि आख़िर टूलकिट क्या होता है, कैसे बनता है और उसका क्या इस्तेमाल हो सकता है। साधारण व सपाट शब्दों में कहा जाए तो टूलकिट एक गूगल डॉक्यूमेंट होता है।
दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा तनबर्ग के जिस टूलकिट को लेकर तीन सामाजिक व पर्यावरण कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया है, उसे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज दीपक गुप्ता ने क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा है कि इस टूलकिट में कुछ भी आपत्तिजनक, हिंसक या भड़काऊ नहीं है।