पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
जीत
पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
जीत
चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला
जीत
पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि के प्रति लोगों का समर्थन बढ़ता जा रहा है। हाल-फ़िलहाल 47 रिटायर्ड जजों, मुख्य न्यायाधीशों और न्याय प्रणाली से जुड़े दूसरे लोगों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख कर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस बग़ैर दवाब के स्वतंत्र रूप से काम करे।
बता दें कि किसान आन्दोलन से जुड़े ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) के ट्वीट से जुड़े टूलकिट को एडिट और शेयर करने के मामले में दिशा रवि को गिरफ़्तार किया गया था, उन्हें पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
हाई कोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीशों और जजों ने इस बात पर चिंता जताई है कि दिशा रवि के बारे में बग़ैर सत्यापित किए कई तरह की बातें और आरोप पुलिस और आम जनता को सोशल मीडिया के माध्यम से दी जा रही हैं।
इस ख़त पर हस्ताक्षर करने वालों में राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. के. कोकजे, दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और गुजरात हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस. एम. सोनी प्रमुख हैं।
इन्होंने कहा कि दिशा रवि को सिर्फ इस आरोप पर गिरफ़्तार कर लिया गया कि वे उस समूह की सदस्य हैं जिसने कथित तौर पर वह टूलकिट बनाया, जिसके जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने की साजिश रची गई थी।
इन पूर्व जजों व अफ़सरों ने कहा है कि दिल्ली पुलिस बग़ैर किसी दवाब के निष्पक्ष होकर दिशा रवि मामले की जाँच करे।
इस चिट्ठी में कहा गया है,
“
“पुलिस को चाहिए कि वह उन तमाम लोगों की जाँच करे जिन्होंने विदेश और भारत में अलगाववादी ताक़तों के हाथों अपना इस्तेमाल होने दिया है। उन लोगों की भी जाँच होनी चाहिए जिन्होंने राष्ट्र-विरोधी ताक़तों को बौद्धिक मुखौटा दिया है।”
रिटायर्ड जजों व प्रशासनिक अफ़सरं की चिट्टी का अंश
बता दें कि इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिशा रवि मामले में कुछ न्यूज़ चैनलों को सनसनी फैलाने से बचने को कहा था। कोर्ट ने कहा कि 'आम तौर पर मीडिया इस तरह सनसनीखेज तरीक़े से जानकारी प्रसारित नहीं कर सकता है।'
अदालत ने कहा है कि सूचना प्रसारित करते समय 'पर्याप्त संपादकीय नियंत्रण' हो। कोर्ट ने यह टिप्पणी उस मामले में की जिसमें दिशा ने आरोप लगाया था कि उनकी निजी बातचीत को तीन न्यूज़ चैनल प्रसारित कर रहे हैं यानी वे निजता के अधिकार का उल्लंघन कर रहे हैं।
इस मामले में दिशा ने पुलिस पर आरोप लगाया गया है कि पुलिस उनकी निजी वाट्सऐप चैट सहित जाँच की सामग्री को मीडिया में लीक कर रही है।
कोर्ट में दिशा रवि ने कहा, 'मीडिया के लिए जाँच सामग्री का लीक करना ग़ैरक़ानूनी है, निजता और सम्मान के अधिकार का उल्लंघन है, और निर्दोषता की धारणा को ख़त्म करते हुए निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के प्रति पक्षपात करता है। इस प्रकार दिल्ली पुलिस की कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करती है।'
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें