गुज़रे रविवार डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोविड-19 सम्बन्धी बायो मेडिकल कचरे के निबटान का विवरण माँगा है। उनका कहना है कि कचरे का निबटान ठीक से नहीं हो पा रहा है। ऐसे दौर में जबकि प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण अपने चरम की तरफ़ बढ़ रहा है, यह एक विपक्षी नेता के पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी चेतना को भी गहरे में दर्ज कराता है। यद्यपि पत्र के मीडिया में आ जाने के बावजूद अभी तक मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। दक्षिण के महाराष्ट्र सहित उत्तर भारत के दूसरे राज्यों के विपक्षी नेताओं की इस मुद्दे पर किसी सरकार की कोई प्रतिक्रिया का न मिलना क्या यह माना जाए कि इन नेताओं में इस क़िस्म की पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी चेतना नहीं है अथवा इन राज्यों की स्थिति संतोषजनक है? सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद सुनीता नारायण की प्रतिक्रिया मिली जुली है। उनका मानना है कि देश में कहीं यह संतोषजनक है लेकिन ज़्यादातर जगहों पर स्थितियाँ अच्छी नहीं हैं।