‘G-23’ के अपंजीकृत नाम से सक्रिय कांग्रेस के ग़ैर-ज़मीनी असंतुष्ट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपस में औपचारिक रूप से मिले हुए बिना भी एक ही उद्देश्य के लिए काम करते नज़र आते हैं! उद्देश्य है कांग्रेस से ‘परिवार’ के ‘अवैध क़ब्ज़े’ को ख़त्म करना।

असंतुष्टों का मानना है कि इसके बाद कांग्रेस पूरी तरह मज़बूत होकर सारे चुनाव जीतने लगेगी; जो पार्टी अभी ‘घर’ की है वह फिर ‘सब की’ हो जाएगी। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री का मानना यह हो सकता है कि इसके बाद कांग्रेस जड़ से ही ख़त्म हो जाएगी।