विपक्ष शासित राज्य सरकारों को अस्थिर या परेशान करने के लिए राज्यपाल, चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आदि संस्थाओं और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग तो केंद्र सरकार द्वारा पिछले छह-सात सालों से समय-समय पर किया ही जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से इस सिलसिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों का इस्तेमाल भी किया जाने लगा है। इस सिलसिले को और आगे बढ़ाते हुए अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने एक नए आदेश के ज़रिए पंजाब और पश्चिम बंगाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) द्वारा तलाशी और गिरफ्तारी करने के अधिकार क्षेत्र को बढ़ा दिया है।

बीएसएफ़ के अधिकार क्षेत्र को सीमावर्ती राज्यों की सीमा के अंदर 15 किमी से बढ़ाकर 50 किलोमीटर क्यों किया गया है? क्या इससे सीमा पार से हथियारों, नशीले पदार्थों की तस्करी रुक जाएगी?
पहले बीएसएफ़ के ये अधिकार इन सीमावर्ती राज्यों की सीमा के अंदर 15 किमी तक सीमित थे, वहीं अब इन्हें बढ़ा कर 50 किलोमीटर तक लागू कर दिया गया है।