प्रख्यात समाजशास्त्री आशीष नंदी ने अपने एक लेख (गॉड्स एंड गॉडसेस इन साउथ एशिया) में एक दिलचस्प जानकारी है। उन्होंने लिखा है कि जब महात्मा गाँधी एक बार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की ‘शाखा’ देखने गये तो वहाँ महाराणा प्रताप और शिवाजी जैसे वीरों की तस्वीरें थीं लेकिन राम की नहीं। गांधीजी ने स्वाभाविक रूप से पूछा, 'आपने राम का चित्र भी क्यों नहीं लगाया?' एक आरएसएस प्रतिनिधि ने उन्हें जवाब दिया, “नहीं, हम ऐसा नहीं कर सकते। राम हमारे उद्देश्य की पूर्ति के लिए बहुत ही ‘स्त्रैण’ हैं!”