“हिंदू महासभा ने त्रिशूलधारी संन्यासी और संन्यासिनों को वोट माँगने के लिए जुटा दिया है। त्रिशूल और भगवा लबादा देखते ही हिंदू सम्मान में सिर झुका देते हैं। धर्म का फ़ायदा उठाकर इसे अपवित्र करते हुए हिंदू महासभा ने राजनीति में प्रवेश किया है। सभी हिंदुओं का कर्तव्य है कि इसकी निंदा करें। ऐसे गद्दारों को राष्ट्रीय जीवन से निकाल फेंकें। उनकी बातों पर कान न दें।’’
उत्तर-अयोध्या: लोकतंत्र के परलोकतंत्र बनने का मतलब तानाशाही को निमंत्रण!
- विचार
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- 29 Mar, 2025
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है। देश में राम मंदिर को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। लेकिन वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का विचार है कि यह सब उस लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, जिसकी कल्पना भारतीय संविधान में की गई हैं। यह लेख उन राम भक्तों को भी पढ़ने की जरूरत है जो उत्साह में लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को भूलते जा रहे हैं। जरूर पढ़िएः
