जहाँ तक प्रोपेगेंडा का सवाल है, हमारे प्रधानमंत्री का मुकाबला कम ही नेता कर सकते हैं। एक ओर वे कांग्रेस की कई घोषणाओं को सांप्रदायिक बता रहे हैं तो दूसरी ओर यह दावा भी कर रहे हैं कि उनके 10 साल के शासनकाल की उपलब्धियां शानदार और चमकदार तो हैं ही मगर वे मात्र ट्रेलर हैं। और यह भी कि 2024 में उनकी सरकार फिर से बनने के बाद वे और बड़े काम करेंगे। उनके समर्थक उनकी सरकार की उपलब्धियों का गुणगान कर रहे हैं। मगर सच यह है कि उनकी सरकार ने कोई कमाल नहीं किया है।