नीति आयोग से लेकर तमाम अन्य संस्थाओं के आँकड़े यूपी को देश के सबसे ग़रीब राज्यों में शुमार करते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में बदहाली से लेकर भीषण बेरोज़गारी तक से राज्य जूझ रहा है। शिक्षा का भी बुरा हाल है। कुल मिलाकर राज्य को इलाज की ज़रूरत है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी विधायक अबू आज़मी का 'इलाज' करने के लिए परेशान हैं। अबू आज़मी ने हाल में औरंगज़ेब को क्रूर मानने से इंकार करते हुए एक बयान दिया था जिसके बाद राजनीति गरमा गयी। लेकिन योगी आदित्यनाथ शायद नहीं जानते कि उनकी पार्टी की एक बड़ी नेता भी औरंगज़ेब की 'क्रूर छवि' बनाने पर सवाल उठाते हुए उसे 'ग़लतफ़हमियों का शिकार' बता चुकी हैं। ये नेता हैं, पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री प्रो. रीता जोशी जो कभी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इतिहास पढ़ाती थीं।
औरंगज़ेब की छवि 'ग़लतफ़हमियों का शिकार': बीजेपी नेता रीता जोशी
- विचार
- |
- पंकज श्रीवास्तव
- |
- 7 Mar, 2025


पंकज श्रीवास्तव
औरंगज़ेब जिस राजतंत्र का प्रतीक है, उसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन ने हमेशा के लिए दफ़ना दिया है। तीन सौ से भी ज़्यादा साल पहले मर चुके औरंगज़ेब से बदला लेने का आह्वान अब वही कर सकता है जिसे वर्तमान और भविष्य की कोई चिंता नहीं है।
प्रो. रीता जोशी के पिता हेमवती नंदन बहुगुणा कभी यूपी के मुख्यमंत्री और हिंदी पट्टी के दिग्गज नेता थे। प्रो. रीता जोशी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इतिहास की शिक्षक थीं। 'इलाहाबाद स्कूल ऑफ़ हिस्ट्री' ने तमाम स्थापित और औपनिवेशिक मान्यताओं को अपने शोधकार्यों से ध्वस्त किया था, और प्रो. रीता जोशी भी उसी परंपरा में पगी थीं। यह परंपरा इतिहास को हिंदू-मुस्लिम नज़रिए से नहीं देखती बल्कि किसी युग के संपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं को समेट कर इतिहास का वृत्त बनाती थी।
पंकज श्रीवास्तव
डॉ. पंकज श्रीवास्तव स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।