डॉ. आंबेडकर ने बौद्ध दर्शन को भारतीय इतिहास की एक क्रांतिकारी घटना बताते हुए उस ‘प्रतिक्रांति' का हवाला दिया है जो पुष्यमित्र शुंग के शासनकाल में हुई। गौतम बुद्ध से मिले ‘अप्पदीपो भव’ के महामंत्र ने ‘भाग्य और भगवान’ के दुश्चक्र से आज़ादी दिलाते हुए भारत में समता का नया युग शुरू किया था। इसने ऊँच-नीच को दैवीय आधार देने वाली वर्णव्यवस्था पर ज़बरदस्त चोट की। ख़ासतौर पर ब्राह्मणों का विशेषाधिकार समाप्त हो गया। बौद्ध धर्म के विकट प्रचारक अशोक के साम्राज्य में वैदिक यज्ञों में अनिवार्य बलि प्रथा पर पूरी तरह रोक लग गयी। इससे यज्ञों पर आश्रित पुरोहित वर्ग में काफ़ी आक्रोश था। आख़िरकार सामवेदी ब्राह्मण सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने 185 ईसा. पूर्व अंतिम मौर्य सम्राट वृहद्रथ की हत्या करके ‘ब्राह्मणवाद’ को पुनर्स्थापित किया। पुष्यमित्र ने सम्राट बनकर बौद्धों को निर्दयता से कुचलते हुए बौद्ध भिक्षु के कटे हुए सिर की क़ीमत सौ स्वर्णमुद्राएँ निर्धारित कीं और विधि संहिता के रूप में ब्राह्मणों की सर्वोच्चता और स्त्रियों तथा शूद्रों को दास समझने वाली मनुस्मृति को अपनाने की घोषणा की। (ब्राह्मणवाद की विजय, पेज 150, डॉ. आंबेडकर संपूर्ण वाङ्मय)
चीन AI से दुनिया को चौंका रहा तो भारत मंदिर-मस्जिद में उलझा है!
- विचार
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- पंकज श्रीवास्तव
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- 18 Mar, 2025


पंकज श्रीवास्तव
जब दुनिया एआई से चौंका रही थी तो ठीक उसी समय भारत में महाकुंभ की धूम थी और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर प्रयागराज संगम में पानी को गंदा बताने वाले निशाने पर थे।
लगभग दो हज़ार साल बाद भारत फिर एक ‘प्रतिक्रांति’ के दौर से गुज़र रहा है। 15 अगस्त 1947 को भारत ने सिर्फ़ औपनिवेशिक शासन से आज़ादी ही प्राप्त नहीं की थी, एक क्रांतिकारी दौर में भी प्रवेश किया था। यह समता, समानता और बंधुत्व पर आधारित संविधान को सर्वोच्च मानने वाले नये युग की शुरुआत थी जिसने शोषण के तमाम स्वरूपों के ख़िलाफ़ क़ानून बनाये और वैज्ञानिक चेतना वाले समाज के निर्माण का संकल्प लिया। सुभाषचंद्र बोस जैसे महानायक मानते थे कि भारतीय समाज शायद इसके लिए तैयार नहीं है, इसलिए लोकतंत्र की जगह तानाशाही शासन व्यवस्था ज़रूरी होगी। लेकिन गाँधी-नेहरू की स्वप्नदर्शी जोड़ी उस जनता पर कैसे यक़ीन न करती जिसने निहत्थे अहिंसक आंदोलन के ज़रिए दुनिया की सबसे ताक़तवर समझे जाने वाले अंग्रेज़ी शासन को उखाड़ फेंका था।
- Propaganda war
- Artificial Intelligence
- Hindu Muslim hate
पंकज श्रीवास्तव
डॉ. पंकज श्रीवास्तव स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।