क़रीब साढ़े तीन दशक देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में राजनीति की धुरी रहते हुए राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करते रहने वाले 'धरतीपुत्र’ मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक जीवन का अवसान तो पांच साल पहले ही हो गया था और अब उनके सांसारिक जीवन का भी अंत हो गया। लंबी बीमारी के बाद उनका निधन वस्तुत: उत्तर प्रदेश की राजनीति के एक युग का समापन भी कहा जा सकता है।
मुलायम सिंह का सामाजिक न्याय का संघर्ष कैसे याद किया जाएगा?
- श्रद्धांजलि
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- 10 Oct, 2022

समाजवादी नेता रहे मुलायम सिंह का आज निधन हो गया। उनको सामाजिक न्याय के संघर्ष से जोड़कर देखा जाता रहा है। तो आख़िर नेताजी को कैसे याद किया जाएगा? जानिए, उनकी राजनीति कैसी रही है।
मुलायम सिंह के पांच दशक के सक्रिय और घटनाओं से भरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत जितनी चमकदार और धमाकेदार थी, उसका अंत उतना ही दर्दनाक और शर्मनाक हुआ था, जब पांच साल पहले उनके बेटे ने क़रीब तीन महीने तक चले पारिवारिक सत्ता-संघर्ष और नाटकीय घटनाक्रम में उन्हें समाजवादी पार्टी की अध्यक्षता से अपदस्थ कर पार्टी के सारे सूत्र अपने हाथ में ले लिए थे।