देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी इस समय अपने इतिहास के जिस चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है, उसमें उसे जैसा अध्यक्ष चाहिए था, वह उसे मिल गया। कांग्रेस को न तो शशि थरूर जैसे अंग्रेजीदाँ अध्यक्ष की ज़रूरत थी और न अशोक गहलोत जैसे अनमने और या दिग्विजय सिंह जैसे सस्ती बयानबाजी करने वाले अध्यक्ष की। उसे मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे अध्यक्ष की ही ज़रूरत थी और वह उसे मिल गया।