टीवी पत्रकारिता के दिग्गजों में से एक विनोद दुआ का आज निधन हो गया। वह 67 वर्ष के थे। विनोद दुआ पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दूरदर्शन और एनडीटीवी जैसे समाचार चैनलों में प्रमुख पदों पर रहे विनोद दुआ हिंदी पत्रकारिता के जाने-माने चेहरे थे। उनके निधन की पुष्टि उनकी बेटी मल्लिका दुआ ने की है।
इससे पहले मल्लिका ने 29 नवंबर को अपने पिता के स्वास्थ्य की जानकारी दी थी। तब उन्होंने अपने पिता की स्थिति नाजुक होने की पुष्टि करते हुए कहा था कि उनकी इच्छा को देखते हुए उनका इनवेज़िव इलाज़ नहीं कराया जाएगा।
मल्लिका ने एक बयान में कहा था, 'वे अपने शर्तों पर जिए और अब उन्हें अपनी ही शर्तों पर संसार छोड़ने का हक है। कृपया उनके असाधारण जीवन से शांतिपूर्ण व कष्टहीन ढंग से गुजरने के लिए प्रार्थना करें।'
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान विनोद दुआ और उनकी पत्नी डॉ. पद्मावती दुआ को गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनकी पत्नी का तब लंबे संघर्ष के बाद निधन हो गया था। हालाँकि विनोद दुआ की स्थिति तब उतनी नहीं बिगड़ी थी। कोरोना के इलाज के बाद से ही विनोद दुआ की सेहत में लगातार गिरावट देखने को मिली।
कुछ महीने पहले ही विनोद दुआ पर लगे राजद्रोह के मामले को अदालत ने खारिज किया था।
एक स्थानीय बीजेपी नेता ने पिछले साल दिल्ली दंगे पर विनोद दुआ के यूट्यूब शो को लेकर देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज कराया था। एफ़आईआर में उनपर फ़ेक न्यूज़ फैलाने, सार्वजनिक उपद्रव फैलाने, मानहानि वाली सामग्री छापने और सार्वजनिक रूप से ग़लत बयान देने का आरोप लगाया गया था। इस एफ़आईआर के ख़िलाफ़ ही विनोद दुआ सुप्रीम कोर्ट में गए थे। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उस एफ़आईआर को रद्द कर दिया था।
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