दक्षिण अफ्रीका से दुबई और दिल्ली के रास्ते महाराष्ट्र के मुंबई लौटे एक व्यक्ति में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण की पुष्टि हुई है। यात्री कल्याण-डोंबिवली नगरपालिका क्षेत्र का निवासी है और उसने कोविड-19 का टीका नहीं लिया है। यह देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट का चौथा मामला है। इससे पहले आज ही दिन में जिम्बाब्वे से गुजरात के जामनगर शहर में आये एक 71 वर्षीय एनआरआई में इस नये संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
जामनगर के इस एनआरआई के दो सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे। एक गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर को, जिसने ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि की और दूसरा एनआईवी पुणे को। एनआईवी पुणे से जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट सोमवार को आने की उम्मीद है।
कर्नाटक में ही इस वैरिएंट से संक्रमण के दो मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक 46 वर्षीय डॉक्टर और दूसरा 66 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी नागरिक नए वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं।
इन दो लोगों में से एक व्यक्ति हवाई जहाज से देश से बाहर चला गया है। कर्नाटक सरकार ने अब कहा है कि वह इस मामले की जाँच करेगी। कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में नागरिक उड्डयन के अधिकारियों को एक पुलिस शिकायत दर्ज करने और एक दक्षिण अफ्रीकी यात्री को दी गई नकारात्मक कोविड टेस्ट रिपोर्ट की वैधता की जांच करने का निर्देश दिया है।
20 नवंबर को बेंगलुरु पहुंचे यात्री की हवाई अड्डे पर टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वह बेंगलुरु के एक पांच सितारा होटल में रुके थे। 23 नवंबर को उन्होंने कथित तौर पर निजी लैब से एक नकारात्मक टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त की। इस रिपोर्ट से उन्हें 27 नवंबर को दुबई के रास्ते दक्षिण अफ्रीका लौटने की अनुमति मिल गई।
इस बीच गुरुवार यानी 2 दिसंबर को कर्नाटक सरकार ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी नागरिक से लिए गए नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है।
इस पूरे मामले में खुद मंत्री ने कहा है, 'स्थिति से ग़लत तरीक़े से निपटा गया है। हम यह पता लगाने के लिए एक जाँच चाहते हैं कि क्या लैब ने परीक्षण के निष्कर्षों को सही तरीक़े से रिपोर्ट किया था या नहीं।'
ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़तरे के बीच देश में कई जगहों से इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि विदेशों से आए लोग ग़ायब हो गए हैं। इस तरह का एक वाकया उत्तर प्रदेश के मेरठ से भी सामने आया है।
यहां 13 लोग ऐसे हैं जो बीते दिनों में विदेश से लौटे हैं लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पा रहा है। इन लोगों ने प्रशासन को अपने पते भी ग़लत दिए हैं फिर भी इन्हें खोजने की पूरी कोशिश की जा रही है।
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