यह 1977-78 की बात है। ऑस्ट्रेलिया में होने वाले क्रिकेट प्रसारणों के अधिकार न दिए जाने से नाराज़ कैरी पैकर ने अपनी क्रिकेट लीग शुरू की और दुनिया भर के खिलाड़ियों को ख़रीद लिया। जिन छह देशों के बीच तब टेस्ट मैच होते थे, उनमें से इक्का-दुक्का खिलाड़ियों के अपवाद के अलावा इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, वेस्ट इंडीज़ और पाकिस्तान की पूरी टीमें कैरी पैकर की लीग में चली गईं। बस एक देश की टीम को कैरी पैकर का पैसा ख़रीद नहीं सका जिसका नाम भारत था। इस भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान उन दिनों बिशन सिंह बेदी हुआ करते थे।
बिशन सिंह बेदी यानी भारतीय क्रिकेट का स्वाभिमान
- श्रद्धांजलि
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- 24 Oct, 2023

भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी का सोमवार को निधन हो गया। जानिए, उनको कैसे याद किए जाएगा और उनकी शख्सियत कैसी थी।
बिशन सिंह बेदी दरअसल भारतीय क्रिकेट की खुद्दारी और स्वाभिमान के प्रतीक थे- वे भारतीय क्रिकेट का उठा हुआ माथा थे। बेशक, कैरी पैकर में न जाने का फ़ैसला पूरी भारतीय टीम ने किया लेकिन कल्पना की जा सकती है कि अगर बेदी टूट गए होते तो पैकर सर्कस से जुड़ने वाले भारतीय खिलाड़ियों की कतार लग गई होती।