टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलियाई विजय के अश्वमेघ को रोकने के लिए राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की जोड़ी ने क्रिकेट इतिहास में अपनी महानता को स्थायित्व दे दिया। लेकिन, क्या कभी आपने इस बात पर पलटकर भी सोचा है कि वन-डे वर्ल्ड कप में कैरेबियाई अश्वमेघ को रोकने वाले यशपाल शर्मा को कभी वह तारीफ़ क्यों नहीं मिली जिसके वह हकदार थे?
क्या यशपाल को वो श्रेय मिला जिसके वह हकदार थे?
- श्रद्धांजलि
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- 13 Jul, 2021

जिस अंदाज़ में बॉब विलिस जैसे धुरंधर को यशपाल ने फ्लिक किया उसे देखकर आप हैरान हो जायेंगे। उस शॉट्स में भी आपको वही दिलेरी देखने को मिलेगी जैसी कि 1979 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में विवियन रिचर्ड्स ने माइक हैंड्रिक्स की गेंद को फ्लिक किया था या फिर 2011 में एम एस धोनी ने जीतने वाला छक्का जड़ा था।
भारत ने पहला वर्ल्ड कप 1983 में जीता और फ़ाइनल मैच का हर एक लम्हा हर पीढ़ी को शायद याद हो लेकिन कितने लोगों को याद है कि वेस्टइंडीज़ को वर्ल्ड कप में हराया भी जा सकता है, इस बात का भरोसा सबसे पहले यशपाल शर्मा ने ही दिया था? बेहद शक्तिशाली क्लाइव लॉयड की वेस्टइंडीज़ टीम को वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली हार दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभायी थी यशपाल शर्मा की 89 रनों की पारी ने। इसके लिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब भी मिला था।