श्रीलंका दौरे के लिए चुने गए पाँच युवा खिलाड़ियों में सबसे ज़्यादा भावुक करने वाली कहानी सौराष्ट्र के गेंदबाज़ चेतन सकारिया की है। बचपन में सकारिया साइंस की पढ़ाई करना चाहते थे और इंजीनियर बनने का उनका इरादा था, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि उन्हें अपने चाचा के बिज़नेस में हाथ बँटाना पड़ा।
भारत के लिए खेले बग़ैर ही सकारिया की कहानी प्रेरणादायी
- खेल
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- 29 Mar, 2025

सकारिया के पास भले ही रफ्तार की कमी है, लेकिन टीम इंडिया के लिए खुद के चयन में उन्होंने एक ज़बरदस्त उड़ान भरी है। भला आज के दौर में कौन सा खिलाड़ी ऐसा है जो बिना इंडिया 'ए' खेले हुए सीधे भारतीय टीम में पहुँच जाये।
दिन में वे क्रिकेट खेलते और फुर्सत के समय शाम में चाचा के लिए एकाउंटिंग का काम देखते, जिसमें उन्हें बिल बनाने से लेकर बैंक के लिए चेक काटने तक की ड्यूटी निभानी पड़ती थी। लेकिन, ऐसा करते हुए सकारिया कभी भी मायूस नहीं होते थे, क्योंकि यही कहकर उसके चाचा ने उनके पिता को क्रिकेट खेलने के लिए राजी करवाया था।
पिता सोचते थे कि क्रिकेट तो अमीरों का खेल है और टेम्पो चलाने वाले शख्स के बेटे के लिए फुल-टाइम खेलना घर में खुद की कार रखने से ज़्यादा खर्चीली बात थी।