भारत के कप्तान रोहित शर्मा और अश्विन में एक समानता है। जो मन में है उसे बोलने में दोनों एक क्षण भी नहीं हिचकिचाते। ब्रिसबेन टेस्ट के अंतिम दिन ड्रॉ के बाद पत्रकार परिषद में अश्विन ने रोहित की उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बिदाई की घोषणा की। दिलचस्प यह है कि रोहित ने अपने पहले ही क्रिकेट मैच में जो शतक जमाया था, तब नॉन-स्ट्राइकिंग छोर पर अश्विन ही थे। ब्रिसबेन में हालाँकि अश्विन ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए लेकिन रोहित ने बग़ैर संकोच के कहा कि 106 मैचों में 537 विकेट लेने वाले अश्विन को ऑस्ट्रेलिया दौरे की शुरुआत से ही यह लगने लगा था कि अब भारतीय टीम को उनकी ज़रूरत नहीं है। खुद्दार अश्विन ने यही बेहतर समझा कि बजाय टीम के साथ लटके रहने के, टीम को और क्रिकेट को अलविदा कह दें। वह उन्होंने कर दिया।