कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को असम में रोक दिया है। यात्रा अब असम में निकल कर मेघालय पहुंची है। कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अपने नौवें दिन सोमवार की शाम मेघालय पहुंच गई है।
मेघालय में सरकार बनाने को लेकर नाटकीय घटनाक्रम हो रहे हैं। कोनराड संगमा की एनपीपीपी ने कल शुक्रवार को सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था लेकिन देर शाम को वहां की क्षेत्रीय पार्टी ने समर्थन वापस ले लिया।
2018 में हुए मेघालय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी जिसने यहां पर 28.8 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 21 सीटें जीतीं लेकिन सरकार बनाने में कामयाब नहीं हुई।
मेघालय में चुनाव होने जा रहा है। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी वहां किस्मत आजमाने पहुंच गई है। ऐसे में सवाल यह है कि टीएमसी का वहां कोई जनाधार नहीं है, तो क्या वहां टीएमसी विपक्ष को हराने के लिए चुनाव लड़ने गई है।
अलग गारो राज्य की मांग क्यों हो रही है? क्या इसलिए कि राज्य की सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दल गारो इलाक़े की उपेक्षा करते रहे हैं? क्या चुनाव से पहले यह मांग फिर से जोर पकड़ेगा?
किसी नेता के फार्म हाउस से इतनी आपत्तिजनक चीजों के पकड़े जाने के बाद बीजेपी को उससे तुरंत इस्तीफ़ा ले लेना चाहिए था। लेकिन बजाय इसके वह उसका समर्थन कर रही है।
मेघालय बीजेपी को तब बड़ा झटका लगा जब राज्य में पार्टी के उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन मारक उर्फ रिंपू के रिसॉर्ट पर छापा मारा गया और वेश्यालय चलाने का आरोप लगा है। जानिए, पुलिस ने और क्या-क्या आरोप लगाए हैं।
टीएमसी के लगातार प्रहार के बाद अब क्या कांग्रेस भी उसी अंदाज़ में उससे निपटेगी? जानिए, टीएमसी में शामिल हुए 12 विधायकों को अयोग्य क़रार क्यों करवाना चाहती है कांग्रेस?
बाहरी लोगों द्वारा कथित भड़काऊ कृत्यों के मुद्दे पर मेघालय के स्थानीय खासी समुदाय और अल्पसंख्यक बंगालियों के बीच तनाव का वातावरण निर्मित हो गया है और हिंसा की आशंका को देखते हुए शिलांग में सत्ता के गलियारों में ख़तरे की घंटी बज गई है।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ मेघालय की राजधानी शिलांग में राज भवन के पास कथित तौर पर प्रदर्शन करने वालों द्वारा पथराव किए जाने के बाद पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।