मेघालय में बीजेपी के उपाध्यक्ष बर्नार्ड आर. मराक के फार्म हाउस पर पुलिस के छापे में जो कुछ मिला, वह बेहद आपत्तिजनक है। लेकिन बीजेपी अपने इस नेता के बचाव में जोर-शोर से उतर आई है और आरोप लगाया है कि मराक के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की गई है।
बताना होगा कि बीते शनिवार को जब मेघालय पुलिस ने मराक के फार्म हाउस पर छापा मारा तो वहां से 500 पैकेट कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां, अवैध शराब की बोतलें, 37 हजार रुपये नक़द, 33 वाहन, 47 मोबाइल फोन और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
पुलिस ने वहां से कुल 73 युवाओं को हिरासत में लिया था जिसमें से 23 महिलाएं हैं। इसके अलावा 5 बच्चे जिनमें चार लड़के और एक लड़की शामिल है उन्हें एक केबिन के अंदर बेहद अमानवीय हालत में बंद करके रखा गया था। पुलिस का कहना है कि यह सभी बच्चे सदमे में हैं।
पुलिस ने कहा है कि छापे के दौरान कई युवा लड़के और लड़कियां फार्म हाउस में खुलेआम शराब पी रहे थे और उनमें से कई लोग बहुत कम कपड़ों में या बिना कपड़ों के कारों में बैठे हुए थे।
'बढ़ती लोकप्रियता की वजह से हुई कार्रवाई'
मेघालय बीजेपी अपने नेता के समर्थन में खुलकर उतर आई है और कहा है कि मराक को राजनीतिक बदले की भावना से निशाना बनाया जा रहा है। बीजेपी का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि गारो हिल्स और तुरा साउथ के इलाकों में मराक की लोकप्रियता बढ़ रही है।मेघालय बीजेपी के अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने कहा है कि मराक के फार्म हाउस में कुछ सम्मानित परिवारों के लोग रुके हुए थे और इसे वेश्यालय कहना बेहद आपत्तिजनक है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कुछ जरूरी सवाल
लेकिन सवाल उठता है कि अगर बीजेपी की बात मान ली जाए कि फार्म हाउस में सम्मानित परिवार रुके हुए थे तो फिर इतनी बड़ी संख्या में कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, अवैध शराब वहां से कैसे मिली। क्या फार्म हाउस में इतनी बड़ी मात्रा में शराब परोसे जाने की अनुमति ली गई थी, क्या फार्म हाउस में शराब परोसे जाने का लाइसेंस लिया गया था। सवाल यह भी है कि फार्म हाउस में इतनी बड़ी संख्या में लड़के लड़कियां कम कपड़ों में या बिना कपड़ों के क्या कर रहे थे और वहां आखिर ऐसी कौन सी पार्टी हो रही थी।
बीजेपी नेता के फार्म हाउस को लेकर इस साल फरवरी में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। तब एक नाबालिग लड़की ने कहा था कि फार्म हाउस में उसका यौन शोषण हुआ है।
कौन हैं मराक?
मराक वर्तमान में गारो ट्राइबल स्वायत्त जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं। इससे पहले वह एक विद्रोही संगठन अचिक राष्ट्रवादी स्वयंसेवी परिषद (बी) से जुड़े हुए थे और उसे छोड़कर राजनीति में आए थे। इस संगठन का उद्देश्य एक पृथक गारो राज्य का निर्माण करना था।
पुलिस ने कहा है कि प्रतिबंधित संगठन का साथ छोड़ने के बाद भी मराक तुरा बाजार के व्यापारियों से जबरन वसूली करने, हथियारों की तस्करी करने, अवैध लॉटरी टिकट की अवैध बिक्री करने, दूसरे की संपत्तियों को कब्जाने, वेश्यावृत्ति जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं। फार्म हाउस पर छापेमारी के बाद से ही वह गायब हैं।
मराक की सफाई
हालांकि बीजेपी नेता मराक ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि उनकी जान को खतरा है और वह गिरफ्तारी से बचने के लिए नहीं भाग रहे हैं बल्कि खुद को सुरक्षित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि वह सच्चाई को सामने लाएंगे।
बीजेपी नेता का कहना है कि उनके खिलाफ यह पूर्व नियोजित साजिश थी जिससे उन्हें बदनाम किया जा सके। उन्होंने इसका आरोप मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की पार्टी एनपीपी पर लगाया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में बीजेपी की स्वीकार्यता बढ़ रही है और इस वजह से मुख्यमंत्री कोनराड संगमा परेशान हैं।
बीजेपी नेता का कहना है कि मुख्यमंत्री ने ही पुलिस को निर्देश दिया था कि वह उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करे और उन्हें गोली मार दे। उन्होंने कहा है कि पुलिस कुछ पुराने मामलों को छापेमारी से जोड़ रही है और उनके फार्म हाउस पर कुछ भी गलत नहीं हो रहा था।
इस साल मई में मराक ने मुख्यमंत्री संगमा और उनकी सांसद बहन अगाथा संगमा पर उनके निर्वाचन क्षेत्रों में धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
देखना होगा कि बीजेपी के द्वारा लगाए गए इन आरोपों पर एनपीपी क्या प्रतिक्रिया देती है और इन आरोपों के बाद क्या दोनों के बीच खटास बढ़ेगी।
लेकिन अहम सवाल यही है कि किसी नेता के फार्म हाउस से इतनी आपत्तिजनक चीजों के पकड़े जाने के बाद बीजेपी जिस चाल, चरित्र, चेहरे और पार्टी विद ए डिफरेंस की बात करती है, उसके मुताबिक तो उसे तुरंत इस नेता से इस्तीफ़ा ले लेना चाहिए था। लेकिन बजाय इसके वह उसका समर्थन कर रही है।
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