स्वतंत्रता दिवस वाले दिन पूर्वोत्तर में हिंसा हुई है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड सगंमा के आवास पर पेट्रोल बम फेंके गए। हालांकि उस दौरान मुख्यमंत्री के आवास पर कोई नहीं था, इसलिए कोई बड़ा नुक़सान नहीं हुआ। हालात ख़राब होने के बाद राज्य में दो दिन का कर्फ्यू लगा दिया गया है।
राज्य के कई इलाकों से हिंसा और आगजनी की ख़बरों के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। जिन इलाक़ों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है, उनमें ईस्ट खासी हिल्स, वेस्ट खासी हिल्स, साउथ वेस्ट खासी हिल्स और री-भोई जिले शामिल हैं।
शिलांग के जाआव इलाके में रविवार दोपहर को अज्ञात लोगों ने माकिनरोह पुलिस चौकी के एक पुलिस वाहन को भी आग के हवाले कर दिया।
शिलांग में कई जगहों पर पत्थरबाज़ी की घटना हुई है और असम के एक वाहन और उसके ड्राइवर पर भी हमला किया गया है। असम पुलिस के स्पेशल डीजीपी, जीपी सिंह ने राज्य के लोगों से अपील की है कि जब तक शिलांग में कर्फ्यू है, असम से लोग वहां न जाएं।
थांगखियू की मौत से भड़के
हिंसा की ये घटनाएं एक पूर्व बाग़ी नेता चेरिशस्टारफ़ील्ड थांगखियू की मौत के बाद शुरू हुईं। हिंसा बढ़ने के बाद राज्य के गृह मंत्री लखमेन रिंबुइ ने इस्तीफ़ा दे दिया था। रिंबुइ ने कहा था कि थांगखियू के आवास पर पुलिस की छापेमारी के बाद उनकी हत्या की गई है। उन्होंने इस्तीफ़े के पत्र में इस मामले की न्यायिक जांच कराने और इस घटना की हक़ीक़त सामने लाने की मांग की है।
परिजनों ने भी आरोप लगाया है कि थांगखियू की हत्या की गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में मजिस्ट्रीयल जांच कराएगी।
थांगखियू की अंतिम यात्रा में रविवार को सैकड़ों लोग काले कपड़ों और काले झंडों के साथ शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने थांगखियू की मौत को लेकर पुलिस और राज्य सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की।
पुलिस का कहना है कि उसे थांगखियू पर गोली ख़ुद के बचाव में चलानी पड़ी क्योंकि उसने चाकू से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था। पुलिस ने थांगखियू के घर पर एक बम धमाके के मामले में 13 अगस्त को छापेमारी की थी। थांगखियू ने 2018 में आत्मसमर्पण कर दिया था।
अशांत है पूर्वोत्तर
पिछले महीने ही असम और मिज़ोरम के दो सीमाई जिलों के लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसमें जमकर गोलियां चली थीं। इसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी और 45 लोग घायल हो गए थे। मारे गए लोगों में से 6 असम पुलिस के अफ़सर थे।
मिज़ोरम की पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और छह शीर्ष पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर दी थी। लेकिन बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय के मामले को सुलझाने के बाद दोनों राज्यों के बीच मामला सुलझ गया था।
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