‘लव जिहाद’ के बाद अब 'पत्थरबाज़ों' से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान काफ़ी परेशान हैं। उनकी परेशानी इससे भी समझी जा सकती है कि उन्होंने यहाँ तक कह दिया है कि शांति में ही लोकतंत्र बचा रह सकता है। हालाँकि, उन्होंने यह साफ़ नहीं किया है कि असहमति, विरोध की आवाज़, धरना या प्रदर्शन से लोकतंत्र पर क्या असर पड़ेगा। लेकिन वह स्टोन-पेल्टर यानी पत्थरबाज़ों को बहुत बड़ा ख़तरा मानते हैं। इतना बड़ा कि वह मध्य प्रदेश में सख़्त क़ानून ला रहे हैं।
शिवराज सिंह ने पत्थरबाज़ों से निपटने के उपायों पर रविवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। शिवराज सिंह को पत्थरबाज़ इतना बड़ा ख़तरा तब लग रहे हैं जब हाल में राज्य में दक्षिणपंथी समूहों की रैलियों पर पथराव की घटनाएँ हुई हैं। ये रैलियाँ राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के लिए हुई हैं और पथराव की घटनाएँ तब हुईं जब मुसलिम बहुल इलाक़े से गुज़र रही थीं।
बता दें कि 25 दिसंबर को उज्जैन शहर के पाँच दिन बाद इंदौर में भी राम मंदिर के लिए धन जुटाने के दौरान पथराव की घटना हुई। पथराव में क़रीब दो दर्जन लोग घायल हो गये थे। बताया गया है कि रैली के दौरान पुलिस भी मौजूद थी। लेकिन विवाद के वक्त पुलिस की संख्या कम पड़ गई। यहाँ 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और जेल भेजा गया था, जबकि और लोगों की पहचान की जा रही है।
उज्जैन में भी राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के उद्देश्य को लेकर हिंदू संगठन रैली निकाल रहे थे। रैली टावर चौक से होती हुई महाकाल क्षेत्र स्थित भारत माता मंदिर पहुंच रही थी, तभी बेगम बाग कालोनी क्षेत्र में कुछ असामाजिक तत्वों ने रैली पर पथराव कर दिया था। उज्जैन की बेगम बाग से 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 10 के ख़िलाफ़ एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाया गया था।
पथरबाज़ी की ऐसी घटनाओं के आने बाद ही शिवराज सिंह सख़्त क़ानून लाने की तैयारी में हैं। वह किसी सार्वजनिक या निजी संपत्ति के नुक़सान होने पर पत्थरबाज़ी करने वाले की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान करना चाहते हैं।
इसी क़ानून को लेकर शिवराज सिंह रविवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। 'द इंडियन एक्सप्रेस, की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान उन्होंने कहा, 'अगर कोई शांति से अपने मुद्दों को उठाता है तभी लोकतंत्र बचा रहता है। लेकिन किसी को भी सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुँचाने की अनुमति नहीं है।' उन्होंने कहा कि क़ानून बनाने के लिए निर्देश दिए गए थे और काम शुरू हो गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'पत्थरबाज़ जो कोई भी हैं वे समाज के दुश्मन हैं। पथराव कोई सामान्य अपराध नहीं है, यह लोगों को मार सकता है, आतंक का माहौल बना सकता है, अराजकता पैदा कर सकता है और क़ानून-व्यवस्था को बाधित कर सकता है।' उन्होंने कहा कि अब एक छोटे अपराध के रूप में नहीं माना जाएगा और इसे रोकने के लिए एक कड़ा क़ानून तैयार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के क़ानून में निजी संपत्ति के दायरे की व्यापक परिभाषा होगी। उन्होंने कहा कि 'यूपी ने निजी संपत्ति को एक धार्मिक ट्रस्ट, वक्फ बोर्ड या किसी भी फर्म के रूप में परिभाषित किया है, एक व्यक्ति के स्वामित्व वाली संपत्ति को नहीं। हमारा उद्देश्य यह है कि क़ानून और व्यवस्था के मामले में अगर किसी की कार को नुक़सान हो जाता है तो वह पुलिस के पास एक एफ़आईआर दर्ज करा सकता है और दावा कर सकता है। यह एक वैसी राहत देने की व्यवस्था नहीं होगी जहाँ सरकार क्षति के लिए भुगतान करेगी, बल्कि अभियुक्त को भुगतान करना होगा।'
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