मध्य प्रदेश के इंदौर के टाटपट्टी बाखल में कोरोना संदिग्धों की स्क्रीनिंग का काम फिर शुरू हो गया है। शुक्रवार को उन्हीं डाॅक्टरों ने इस बस्ती में कोरोना के संदिग्धों के सैंपल लिए जिन्हें बुधवार को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था और पत्थर मारे थे। बाखल के लोगों का रवैया आज बदला हुआ नज़र आया। लोगों ने न केवल जाँच दल का सहयोग किया, बल्कि स्क्रीनिंग करने पहुँची डाॅक्टरों से माफ़ी माँगते हुए उन्हें ‘अपना’ भी बताया। इस बीच मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने शुक्रवार को इंदौर के संवेदनशील इलाक़ों की पुलिस व्यवस्था का जायजा लिया। इस बीच इंदौर ज़िला प्रशासन की माँग पर प्रदेश पुलिस ने एसएएफ़ की पाँच और कंपनियाँ इंदौर को उपलब्ध करा दी हैं।
इंदौर: शाबाश! जिन डॉक्टरों पर हमला हुआ था उन्हीं ने फिर शुरू की स्क्रीनिंग
- मध्य प्रदेश
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- 3 Apr, 2020

इंदौर के टाटपट्टी बाखल में कोरोना संदिग्धों की स्क्रीनिंग का काम फिर तेज़ हो गया है। शुक्रवार को उन्हीं डाॅक्टरों ने इस बस्ती में कोरोना के संदिग्धों के सैंपल लिए जिन्हें बुधवार को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था और पत्थर मारे थे।
टाटपट्टी बाखल बुधवार को तब देश भर में सुर्खियाँ बना था, जब बस्ती के लोगों के एक बड़े समूह ने स्क्रीनिंग के लिए पहुँची दो महिला डाॅक्टरों, स्वास्थ्य अमले और प्रशासन के अफ़सरों पर हमला बोल दिया था। टाटपट्टी बाखल की भीड़ ने न केवल डाॅक्टरों और अमले के साथ मारपीट की थी, बल्कि जमकर पथराव भी किया था। भीड़ चाहती थी जाँच का काम बंद हो। लोगों को क्वरेंटाइन नहीं किया जाए। अस्पताल और सेंटर न ले जाया जाए। भीड़ के हमले से स्वास्थ्यकर्मी किसी तरह जान बचाकर भागने में कामयाब हो पाये थे। हमले और पत्थरबाज़ी में डाॅक्टरों सहित अमले के कई लोगों को चोटें आयी थीं। देश भर में इंदौर की इस घटना की जमकर निंदा हुई थी।