चार महीने हो गए हैं मगर इंदौर में कोरोना का संक्रमण रोके नहीं रुक रहा। इसकी क्या वजह है राजनीतिक स्थिरता, प्रशासन की लापरवाही या आपदा में अवसर ढूँढते अफ़सरों-क़ारोबारियों का भ्रष्टाचार? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने इंदौर में दो जाने माने पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी और रमण रावल से बातचीत की।
कोरोना हाॅटस्पाॅट इंदौर में एक सांसद के लिए ‘प्रोटोकाॅल’ को ताक पर रखे जाने का मामला क्यों आ रहा है? और क्यों विधायक बड़ी संख्या में लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं?
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से मध्य प्रदेश के सबसे समृद्ध माने जाने वाले इंदौर शहर से एक ‘भयावह तसवीर’ मंगलवार को सामने आयी। कोरोना संदिग्ध एक वृद्ध की कथित रूप से वक़्त पर समुचित उपचार और एम्बुलेंस नहीं मिल पाने के कारण मौत हो गई।
इंदौर के टाटपट्टी बाखल में कोरोना संदिग्धों की स्क्रीनिंग का काम फिर तेज़ हो गया है। शुक्रवार को उन्हीं डाॅक्टरों ने इस बस्ती में कोरोना के संदिग्धों के सैंपल लिए जिन्हें बुधवार को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था और पत्थर मारे थे।
इंदौर में डाॅक्टरों और अन्य कर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने के आरोप में गिरफ्तार किये गये चार अभियुक्तों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है।
मध्य प्रदेश की व्यावसायिक नगरी इंदौर में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात बेकाबू हो चले हैं। सोमवार को 40 संदिग्धों के सैंपल लेकर भोपाल एम्स में भेजे गए थे, जिनमें से 17 की रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी है।