देश के सबसे साफ़-सुथरे ‘नंबर वन शहर’ के तमगे से दो बार नवाज़े गए इंदौर में कोरोना का कहर थमने का नाम क्यों नहीं ले रहा है? क्या इसके लिए लापरवाहियाँ ज़िम्मेदार नहीं है? यदि ऐसा नहीं है तो कोरोना हाॅटस्पाॅट इंदौर में एक सांसद के मोहल्ले में अफ़सरों द्वारा ‘प्रोटोकाॅल’ को ताक पर रखे जाने का मामला क्यों आ रहा है? और क्यों विधायक बड़ी संख्या में लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं? बेहद मुश्किल लड़ाई के वक़्त प्रशासन द्वारा प्रोटोकाॅल को लेकर लापरवाही बरतने और नेताओं द्वारा कोरोना को राजनीति चमकाने का ज़रिया बनाने के प्रयासों ने आम आदमी के लिए ख़तरे को और बढ़ा दिया है।