प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या वाला बयान देकर विवाद में घिरे मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को मंगलवार सुबह दमोह से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पटेरिया का बयान सामने आते ही मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। एफआईआर दर्ज होने और पूछताछ के बाद पुलिस ने पटेरिया को गिरफ्तार कर लिया।
पटेरिया के बयान पर विवाद होने के बाद कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया था।
क्या कहा था पटेरिया ने?
एक सभा में कांग्रेस नेता पटेरिया ने कहा था, “मोदी चुनाव खत्म कर देगा। मोदी धर्म, जाति, भाषा के आधार पर बांट देगा। दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों का जीवन खतरे में है। अगर संविधान को बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो।” हालांकि उन्होंने कहा कि हत्या का मतलब चुनाव हराने से है।
गलत तरीके से प्रचारित किया
पटेरिया ने बयान पर विवाद के बाद सफ़ाई देते हुए कहा था, “वे गांधी को मानने वाले हैं और गांधी को मानने वाला हत्या की बात नहीं कर सकता। वीडियो को गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। मेरे कहने का मतलब है कि राजनीतिक क्षेत्र में मोदी को हराया जाए।
वीडियो सामने आते ही मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटेरिया के बयान को इटली से जोड़ते हुए कहा था, “पटेरिया के बयान से यह स्पष्ट होता है कि अब यह महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है, यह इटली की कांग्रेस है और इटली की मानसिकता मुसोलिनी वाली रहती है।”
कांग्रेस ने किया था किनारा
पटेरिया के बयान को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख के.के. मिश्रा ने कहा था, ‘कांग्रेस पूर्व मंत्री राजा पटेरिया द्वारा दिए गए बयान से इत्तेफ़ाक नहीं रखती है। हम इस बयान से पार्टी को बिलकुल दूर रखना चाहेंगे।’
मिश्रा ने आगे कहा था, ‘इस देश में कांग्रेस पार्टी का जन्म अहिंसा की कोख़ से हुआ है और राजनैतिक आतंकवाद की वजह से कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और बेअंत सिंह को खोया है। जिस पार्टी ने राजनीतिक हिंसा के बतौर अपने नेताओं के बलिदान को अपनी आंखों से देखा है, वह पार्टी वैचारिक राजनीतिक हिंसा को भी एक अपराध मानती है। लिहाज़ा राजा पटेरिया का बयान उनका व्यक्तिगत बयान है, और कांग्रेस अपने आप को उस बयान से अलग करती है।’
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