मध्य प्रदेश सरकार का खजाना खाली है। कर्मचारियों का डीए ‘फ्रिज’ है। एरियर्स पर रोक है। पेंशनधारियों को पिछले छह महीने से मुफ्त दवाएँ नहीं मिल पा रही हैं। कई महकमे वक़्त पर कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं बाँट पा रहे हैं। बिजली के बिल लोगों को ज़बरदस्त ‘करंट’ मार रहे हैं। इन मुश्किल हालातों के बीच विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा दाँव खेला है। शिवराज सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि मध्य प्रदेश में पैदा होने वाली सरकारी नौकरियों पर केवल और केवल राज्य के युवाओं का ही ‘हक’ होगा।