मध्य प्रदेश सरकार का खजाना खाली है। कर्मचारियों का डीए ‘फ्रिज’ है। एरियर्स पर रोक है। पेंशनधारियों को पिछले छह महीने से मुफ्त दवाएँ नहीं मिल पा रही हैं। कई महकमे वक़्त पर कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं बाँट पा रहे हैं। बिजली के बिल लोगों को ज़बरदस्त ‘करंट’ मार रहे हैं। इन मुश्किल हालातों के बीच विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा दाँव खेला है। शिवराज सिंह ने मंगलवार को घोषणा की कि मध्य प्रदेश में पैदा होने वाली सरकारी नौकरियों पर केवल और केवल राज्य के युवाओं का ही ‘हक’ होगा।
एमपी: नौकरियों का दाँव क्या उपचुनाव में बीजेपी की वैतरणी पार लगा पायेगा?
- मध्य प्रदेश
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- 18 Aug, 2020

विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों पर सिर्फ़ राज्य के युवाओं का ही ‘हक’ होगा।
मुख्यमंत्री चौहान के एलान के ठीक बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोल दिया। पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये। अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘क्लर्क व चपरासी की नौकरी तक के लिए हज़ारों डिग्रीधारी लाइनों में लगते रहे। मज़दूरों व ग़रीबी के आँकड़े इसकी वास्तविकता ख़ुद बयाँ कर रहे हैं। अपनी पिछली 15 वर्ष की सरकार में कितने युवाओं को आपकी सरकार ने रोज़गार दिया, यह भी पहले आपको सामने लाना चाहिए।’