प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में लाल क़िले से अपने भाषण में कहा था कि महिलाओं की यौन हिंसा के लिए महिलाओं को ही ज़िम्मेदार ठहराना ग़लत है। उन्होंने कहा था कि अभिभावक बेटियों से सवाल तो करते हैं लेकिन बेटों से नहीं। लेकिन लगता है कि मोदी की ही पार्टी के नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनसे अब तक सीख नहीं पाए हैं। दरअसल, उन्होंने सुझाव दिया है कि काम के लिए बाहर जाने वाली महिलाएँ पुलिस थाने में रजिस्ट्रेशन कराएँ ताकि उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें ट्रैक किया जा सके। शिवराज सिंह के इसी सुझाव को महिलाओं को ही दोषी ठहराने के तौर पर लिया जा रहा है। उनकी यह कहकर भी आलोचना की जा रही है कि पुरुष के अपराध के लिए महिलाओं का सर्विलांस क्यों किया जा रहा है?