आरोप है कि एबीवीपी और वीएचपी के कार्यकर्ता आज पूर्वान्ह शाजापुर जिले के अकोदिया क्षेत्र में स्थित अल्फोंसा हायर सेकेंड्री स्कूल पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने स्कूल पहुंचकर प्रबंधन को न केवल जमकर आड़े हाथों लिया, बल्कि बच्चों को परिसर में इकट्ठा करके कई विद्यार्थियों के माथे पर तिलक लगाये। प्रांगण में प्रार्थना स्थल पर सबको बिठवाकर हनुमान चालीसा का पाठ करवाया और जय-जय श्रीराम के नारे लगवाये।
घटनाक्रम के दौरान स्कूल के टीचर और प्रबंधन के लोग हाथ बांधे एवं डरे-सहमे एक तरफ खड़े होकर पूरा माजरा देखते रहे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन हिन्दू धर्मावलंबी विद्यार्थियों को उनके धर्म का पालन करने से रोकता है। यीशु को मानने का दबाव बनाया जाता है।
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शुक्रवार को स्कूल परिसर में हुई एक कथित घटना का उल्लेख भी प्रदर्शनकारियों ने किया और सवाल-जवाब किये। पूछा गया, ‘शुक्रवार को दो विद्यार्थी तिलक लगाकर स्कूल पहुंचे तो टीचरों ने तिलक मिटाकर आने के बाद ही स्कूल प्रांगण में प्रवेश की बात क्यों की? तिलक मिटाने को छात्र तैयार नहीं हुए तो टीचरों ने जबरन तिलक क्यों मिटाये?’ बता दें, शुक्रवार को विद्यार्थियों ने घर पहुंचकर पूरी बात परिजनों को बताई थी। परिजन कुपित हुए थे। बात कट्टरपंथी संगठनों तक पहुंची तो वे लामबंद हो गए।
शनिवार को स्कूल पहुंचकर न केवल बवाल काटा, बल्कि स्कूल परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ कराने और जय-जय श्रीराम के नारे लगाये। स्कूल प्रबंधन ने शुक्रवार के घटनाक्रम पर खेद जताते हुए सार्वजनिक तौर पर क्षमा मांगी तब कहीं जाकर प्रदर्शनकारी शांत हुए और स्कूल से लौटे। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि जिन दो टीचरों ने विद्यार्थियों के माथे से बलपूर्वक तिलक मिटाये, स्कूल प्रबंधन उन्हें नौकरी से बाहर करे।
पूरी खबर को लेकर ‘सत्य हिन्दी’ ने स्कूल प्रबंधन से बात करने का प्रयास किया, लेकिन प्रबंधन और टीचरों की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी।
शाजापुर के एसपी यशवंत सिंह राजपूत से ‘सत्य हिन्दी’ ने बात की तो उन्होंने बताया, ‘अकोदिया के मिशनरी स्कूल को लेकर विश्व हिन्दू परषिद और बजरंग दल की ओर से एक शिकायती आवेदन आज दोपहर मिला है। स्कूल में विद्यार्थियों को उनके धर्म परिवर्तन से रोकने की शिकायत आवेदन में की गई है। पूरे मामले को जांच में लिया गया है।’
‘एसएचओ बोले मसला निपट गया है’: अकोदिया थाना के प्रभारी सब इंस्पेक्टर अरविंद तोमर ने घटनाक्रम को लेकर ‘सत्य हिन्दी’ को बताया शुक्रवार को दो विद्यार्थियों के माथे से तिलक मिटाने के घटनाक्रम का विरोध जताने को लेकर स्कूल के खिलाफ आज प्रदर्शन हुआ है।
तोमर के अनुसार, ‘प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों में बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग शामिल रहे। दो उन महिला टीचरों को हटाने की मांग प्रदर्शनकारी कर रहे थे, जिन पर छात्रों के सिरों से टीके मिटाने का आरोप है।’ एसएचओ ने यह भी बताया, ‘स्कूल प्रबंधन द्वारा खेद जताये जाने पर मामले का निराकरण हो गया है। किसी भी तरह का मुकदमा फ़िलहाल कायम नहीं हुआ है।’
उन्होंने यह भी बताया, ‘तिलक मिटाने को लेकर स्कूल प्रबंधन का तर्क है - विद्यार्थियों में समरूपता दिखे, इसी वजह से तिलक लगाकर नहीं आने और लगाकर आये विद्यार्थियों से मिटाने को कहा जाता है। कुछ विद्यार्थी ज्यादा बड़े और गहरे तिलक लगाकर आते हैं तो प्रबंधन को अपने स्तर पर कार्रवाई करना पड़ती है।’
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सवालों के जवाब में तोमर ने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों की संख्या 40 के करीब रही। हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। प्रदर्शन को लीड करने वालों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक दुर्गेश सेन भर का नाम फिलहाल उन्हें याद है।’
दो कथित आरोपी टीचरों के नाम पूछने पर एसएचओ ने कहा, ‘एक अर्पिता मेम हैं, उनका सरनेम नहीं मालूम है, जबकि दूसरी टीचर का नाम उन्हें याद नहीं है। स्कूल प्रबंधन के किसी शख्स का मोबाइल या अन्य नंबर उनके पास नहीं है।’ अन्य सवाल पर एसएचओ ने कहा, ‘स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को किसी भी तरह की शिकायत या कोई आवेदन नहीं दिया है।’
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