loader

इंदौर में सबसे ज़्यादा वोट के मामले में दूसरे स्थान पर नोटा

मध्य प्रदेश की उस इंदौर सीट पर नोटा को 13 उम्मीदवारों के वोटों से भी ज़्यादा वोट मिले हैं जहाँ कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने आख़िरी समय में अपना नाम वापस ले लिया था। बाद में वह बीजेपी नेता संग दिखे थे। इस फ़ैसले के साथ उन्होंने सियासी खलबली मचा दी थी।

इंदौर सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी थे। हालाँकि, उनके सामने 13 उम्मीदवार थे, लेकिन मैदान खाली था। नोटा इस सीट पर सबसे ज़्यादा वोट पाने के मामले में दूसरे स्थान पर है। शाम पौन चार बजे तक शंकरलाल लालवानी को 12 लाख 23 हज़ार से ज़्यादा वोट मिले, जबकि बाक़ी के 13 उम्मीदवारों से भी ज़्यादा वोट नोटा को मिले। नोटा को 2 लाख 18 हज़ार से ज़्यादा वोट मिले। 

ताज़ा ख़बरें
जितने वोट नोटा को मिले हैं, वह बाक़ी के 13 उम्मीदवारों को मिले कुल वोटों का क़रीब दोगुना है। यह वही सीट है जहाँ से 30 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नाम वापस ले लिया था। घटनाक्रम से कांग्रेस में हड़कंप मच गया था। पर्चा वापस लेने के लिए बम कैलाश विजयवर्गीय के सिपहासालार एवं इंदौर के विधायक रमेश मैंदोला के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे थे। नाम वापस लेने के बाद कलेक्टोरेट से भाजपा के दफ्तर तक जिस गाड़ी में सवार होकर बम निकले थे, उसमें कैलाश विजयवर्गीय भी बैठे नजर आये थे। विजयवर्गीय ने एक ट्वीट करते हुए बम का स्वागत प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृह मंत्री और पार्टी अध्यक्ष नड्डा की ओर से भी किया था।
इसके बाद कांग्रेस ने प्रदर्शन भी किया था। कांग्रेस लगातार वोटरों से अपील कर रही थी कि भाजपा की बेईमानी का जवाब खुलकर दे, नोटा का बटन दबाये। दरअसल, देश के सबसे स्वच्छ शहरों का लगातार पहला ईनाम जीतने वाले इंदौर की जनता को राजनीति की कथित गंदगी भरा भाजपा का ‘खेल’ रास नहीं आया। 
मध्य प्रदेश से और ख़बरें

कांग्रेस और वोटरों के मन की बात को सुमित्रा महाजन ने हवा दे दी थी। सुमित्रा महाजन ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में खुलकर कहा था, ‘अक्षय कांति बम को भाजपा में शामिल कर लिए जाने के बाद लगातार फोन आ रहे हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं। कह रहे हैं, वे अब नोटा को वोट डालेंगे।’

कांग्रेस ने यहाँ बीजेपी को सबक़ सिखाने के मक़सद से नोटा का प्रचार खूब किया। शायद यही वजह है कि लगातार हो रही मतगणना के राउंड में नोटा को जमकर वोट मिल रहे हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें