मध्य प्रदेश के गुना ज़िले में दंबगों द्वारा शमशान घाट का रास्ता रोक देने से एक दलित महिला का अंतिम संस्कार 24 घंटे रुका रहा। पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दाह संस्कार हो पाया। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के पुराने निर्वाचन क्षेत्र के इस सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
क्या है मामला?
दाह संस्कार में विलंब से जुड़ा यह मामला गुना ज़िले के राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र की आरोन तहसील के पाली गाँव का है। गाँव की निवासी कलाबाई (65 वर्ष) की मृत्यु हुई। कला बाई का 25 मार्च को अंतिम संस्कार होना था। सरकारी भूमि पर बने विश्राम घाट तक कलाबाई की अंतिम यात्रा नहीं ले जायी जा सकी।
गाँव से विश्राम स्थल जाने वाले रास्ते पर दंबगों ने अतिक्रमण कर रखा था। दरअसल रास्ते से लगे खेत दंबगों के हैं। इन्होंने सभी रास्ते बंद किए हुए हैं। काफी वक़्त से शिकायतें हो रही हैं। आरोप है कि प्रशासन और पुलिस मौन बना हुआ है।
बताया गया है कि कलाबाई की शवयात्रा जब उसके परिजन विश्राम घाट तक नहीं ले जा सके तो उन्होंने शव को घर पर ही रख लिया। मीडिया को भनक लगी। खबर चली। इसके बाद कलेक्टर और एसपी हरकत में आये।
प्रशासन का हस्तक्षेप
आनन-फानन में अमला मौके पर भेजा गया। एसडीएम की अगुवाई में जेसीबी के जरिये अतिक्रमण को हटाया गया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में कला बाई का अंतिम संस्कार हुआ। पूरा एक्शन होने में लगे समय के चलते कलाबाई की अंतिम यात्रा अगले दिन यानी 26 मार्च को निकल पायी।
मुकदमा दर्ज नहीं
रास्ता रोके जाने की पुष्टि और अतिक्रमण हटाये जाने की कार्रवाई प्रशासन ने ज़रूर की, लेकिन क़रीब 48 घंटे बाद भी किसी के ख़िलाऱ़ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
ज़िले के एसडीएम बृजेश शर्मा ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, "रास्ते से जुड़ा मसला था। संज्ञान में आते ही उसे निपटा दिया गया।" रास्ता रोककर रखने वालों के खिलाफ मामला या मुकदमा कायम किये जाने के बारे में पूछने पर एसडीएम ने कहा, "मुकदमा कायम करने जैसा मामला ही नहीं था। रास्ता खुलते ही ग्रामीणों की कठिनाई दूर हो गई है।"
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दिग्विजय सिंह के पुत्र हैं विधायक
गुना ज़िले की राघोगढ़ दिग्विजय सिंह की पुरानी रियासत है। सिंह का पुश्तैनी किला इसी क्षेत्र में है। दिग्विजय सिंह राघौगढ़ से विधायक रहे हैं। वर्तमान में उनके पुत्र जयवर्धन सिंह राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के लिए कर रहे हैं। कमलनाथ सरकार में जयवर्धन सिंह नगरीय प्रशासन महकमे के मंत्री रहे हैं।
पहला मौका नहीं
स्थानीय पत्रकार नंदकिशोर का कहना है, "पाली गांव में शमशान घाट तक पहुंचने को लेकर आने वाली परेशानी नई बात नहीं है। इस तरह की समस्या आये दिन आती है।"
नंदकिशोर के अनुसार,"‘दबंग लोगों ने अपनी खेती की सुरक्षा के लिए ना केवल रास्ते बल्कि विश्राम घाट से लगे क्षेत्र पर भी अतिक्रमण कर रखा है। चूंकि 24 घंटे दलित द्वारा शव को मजबूरीवश घर पर रखे जाने का मामला रिपोर्ट हो गया, लिहाजा प्रशासन ने फौरी कार्रवाई करते हुए अपने कर्त्तव्य की इतिश्री कर ली।"
नंदकिशोर ने कहा, "समस्या का स्थायी हल आवश्यक है। रास्ता रोकने वालों के खिलाफ एक्शन हो जाता तो आगे पुनः समस्या खड़ी होने की संभावनाएं समाप्त हो जातीं।"
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