loader

कोरोना: ‘लाट साहब’ की सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश राजभवन से 10 परिवार ‘बेदखल’

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की कोरोना से सुरक्षा के मद्देनज़र 10 परिवारों को राजभवन परिसर से फ़िलहाल ‘बेदखल’ कर दिया गया है। परिसर स्थित इन परिवारजनों के सरकारी आवासों को सील भी किया गया है। ‘बेदखल’ किये गये परिवारों में अनेक परिवार ऐसे भी हैं, जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी है, इन परिवारों को महज़ इसलिये राजभवन परिसर से बाहर कर दिया गया है - क्योंकि उनके आजू-बाजू के घरों में रहने वाले कोरोना संक्रमित मिले हैं।

राजभवन परिसर में पिछले सप्ताह कोरोना पाॅजिटिव रोगियों के मिलने की शुरुआत हुई थी। सबसे पहले एक परिवार के तीन सदस्य कोरोना पाॅजिटिव मिले थे। राजभवन परिसर में कोरोना के रोगी मिलने से हड़कंप मच गया था। सिलसिला थमा नहीं था। बाद में रोगी मिलते चले गये तो मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य महकमे और सरकार के माथे पर बल पड़ गये।

ताज़ा ख़बरें

राजभवन परिसर में निवासरत और यहाँ काम करने के लिए आने वाले लोगों में से कुल 10 लोग कोरोना पाॅजिटिव पाये गये हैं। कोरोना संबंधी प्रोटोकाॅल के तहत 27 मई को राजभवन को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित कर दिया गया था। कंटेनमेंट ज़ोन घोषित होने वाले एरिया से किसी को बाहर जाने और भीतर आने की अनुमति नहीं होती है।

बहरहाल, ज़िला प्रशासन ने सोमवार यानी एक जून को राजभवन परिसर को कंटेनमेंट से मुक्त एरिया घोषित किया तो मीडिया हरकत में आ गया। तत्काल खोज़बीन आरंभ हुई। मजाकिया लहजे में कहा गया, ‘मध्य प्रदेश राजभवन को विश्व का सबसे तेज़ कंटेनमेंट मुक्त एरिया होने का गौरव हासिल हो गया है।’

इधर ‘सत्य हिन्दी’ को पड़ताल में पता चला कि 85 वर्षीय राज्यपाल टंडन की सुरक्षा के लिए राजभवन परिसर से 10 परिवारों को बाहर कर दिया गया है। हटाये गये कुल 10 परिवारों में पाँच परिवार ऐसे हैं जिनके यहाँ कोई ना कोई कोरोना पाॅजिटिव है, जबकि बचे हुए पाँच परिवार वे हैं जो कोरोना पाॅजिटिव रोगी के परिवार से लगे सरकारी क्वार्टरों में निवासरत थे।

राज्यपाल सहित 395 की हुई कोरोना जाँच

कोरोना पाॅजिटिव रोगियों के मिलने के सिलसिले के बीच राज्यपाल लालजी टंडन का भी टेस्ट किया गया है। उनका दो बार टेस्ट हुआ है। राज्यपाल के दोनों ही टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। 

राज्यपाल के अलावा राजभवन परिसर में रहने वाले सभी स्टाफ़ और उनके परिजनों तथा शहर के अन्य हिस्सों में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के भी टेस्ट हुए हैं। दो-दो बार सैंपल लिये गये हैं। कुल 395 में 10 लोग पाॅजिटिव मिले हैं। बचे हुए सभी 385 की रिपोर्ट निगेटिव आयी है।

रिपोर्ट निगेटिव तो बेदखली और घर सील क्यों?

राजभवन परिसर में निवासरत कोरोना संक्रमित पाये गये रोगियों के परिजनों और उनके पड़ोसियों की रिपोर्ट जब पाॅजिटिव आयी है, इसके बाद भी 10 परिवारों को राजभवन परिसर से बेदख़ल क्यों कर दिया गया है? इस बात का माकूल जवाब ज़िला प्रशासन, स्वास्थ्य महकमे और राजभवन के आला अफ़सरों के पास नहीं है।

राजभवन से बाहर किये गये सभी 10 परिवारों (लगभग 40-45 लोगों) को क्वॉरेंटीन सेंटरों में खदेड़ दिया गया है। वर्षों से राजभवन की सेवा करने वाले कर्मचारी इस कार्रवाई से ख़ासे आहत बताये जा रहे हैं। वे भी यही कह रहे हैं, ‘जब टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव है, तो उन्हें आख़िर क्यों क्वॉरेंटीन सेंटरों में धक्के खाने के लिए मजबूर कर दिया गया है? क्यों उनके घरों को सील कर दिया गया है? असल में राजभवन से बाहर किये गये परिवारजनों और महामहिम के निवास के बीच की दूरियाँ अच्छी-ख़ासी हैं।’

यहाँ बता दें कि लाॅकडाउन 5 को मध्य प्रदेश में भी कई रियायतों के साथ 30 जून तक के लिए बढ़ाया गया है। क्वॉरेंटीन सेंटर व्यवस्था को समाप्त करने की घोषणा भी की गई है। क्वॉरेंटीन के लिए अधिग्रहित सेंटरों को अधिग्रहण से मुक्त करने की कार्रवाई भी आरंभ हो चुकी है।

नये प्रावधानों के अनुसार कोरोना संदिग्धों को घरों में ही क्वॉरेंटीन करने संबंधी नियम भी लागू किये गये हैं। नये प्रावधानों के बाद राजभवन परिसर में निवासरत परिवारजनों की परिसर से ‘बेदखली’ भी सवालों के घेरे में है।

मध्य प्रदेश से और ख़बरें

‘12 घंटे में खोल सकते हैं’

भोपाल कलेक्टोरेट के एक प्रवक्ता ने राजभवन में 10 कोरोना पाॅजिटिव रोगियों के मिलने की पुष्टि करते हुए राजभवन को कंटेनमेंट मुक्त करने की कार्रवाई को उचित बताया। प्रवक्ता ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘कोरोना प्रोटोकाॅल के नियमों में इस बात का भी प्रावधान है कि कंटेनमेंट एरिया के सभी लोगों की जाँच के बाद यदि बचे हुए लोग निगेटिव होते हैं, और पाॅजिटिव पाये गये लोगों तथा उनके आसपास रहवासियों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाता है तो इस कार्रवाई के बाद पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करने के 12 घंटे के बाद खोला (कंटेनमेंट मुक्त किया) जा सकता है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें