पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया है कि कोरोना की दूसरी लहर में मार्च और अप्रैल महीनों में मध्य प्रदेश में कोरोना से 1 लाख से ज़्यादा लोग मारे गये हैं, लेकिन सरकार आँकड़े छिपा रही है।
कोरोना संक्रमण से मरने वालों के आँकड़े छिपाए जाने के आरोप क्यों लग रहे हैं? यदि श्मशान व कब्रिस्तान में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किए जाने वालों की संख्या और मौत के सरकारी आँकड़ों में अंतर होगा तो सवाल तो उठेंगे ही।
कोरोना को लेकर अव्यवस्था पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निर्देश दिये हैं कि कोरोना के गंभीर रोगियों को एक घंटे में रेमडेसिविर इंजेक्शन और 36 घंटे में आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की कोरोना से सुरक्षा के मद्देनज़र 10 परिवारों को राजभवन परिसर से फ़िलहाल ‘बेदखल’ कर दिया गया है। परिसर स्थित इन परिवारजनों के सरकारी आवासों को सील भी किया गया है।
शराब की दुकानों और ठेकों पर टूट रही लोगों की भीड़ ने कोरोना संक्रमण के ख़तरे को बढ़ा दिया है। मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले की युवा महिला कलेक्टर ने साहस दिखाते हुए ज़िले में शराब बेचने से इनकार कर दिया है।
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मौत होने पर मृतक के शव को छूने-चूमने और नहलाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। सरकार ने शवों को जलाने और दफनाने को लेकर एक पूरी गाइडलाइन जारी कर दी है।
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य महकमे के आला अफ़सरों ने क्या तब्लीग़ी मरकज़ के मुखिया मौलाना साद की तरह ‘बर्ताव’ नहीं किया है? क्या अफ़सरों ने विदेश यात्रा की जानकारी छुपाई और लापरवाही बरती?