मध्य प्रदेश स्वास्थ्य महकमे के आला अफ़सरों ने क्या तब्लीग़ी जमात के मुखिया मौलाना साद की तरह ‘बर्ताव’ नहीं किया है? इस तरह के अनेक सवाल मध्य प्रदेश में उठ रहे हैं। ख़ासतौर पर भोपाल में हेल्थ डिपार्टमेंट के कनिष्ठ कर्मचारियों के परिजन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ‘जमाती’ की संज्ञा देने से भी नहीं चूक रहे हैं। ये वो परिवार हैं जिनके अपने कोरोना की चपेट में आए हैं।
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य महकमे के अफ़सरों का ‘बर्ताव’ मौलाना साद की तरह है?
- मध्य प्रदेश
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- 7 Apr, 2020

मध्य प्रदेश स्वास्थ्य महकमे के आला अफ़सरों ने क्या तब्लीग़ी मरकज़ के मुखिया मौलाना साद की तरह ‘बर्ताव’ नहीं किया है? क्या अफ़सरों ने विदेश यात्रा की जानकारी छुपाई और लापरवाही बरती?
दरअसल, सोमवार शाम तक के भोपाल के कुल 63 कोरोना मरीजों में 29 अकेले स्वास्थ्य विभाग के थे। राजधानी में बीते गुरुवार को सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग के एक संचालक (आईएएस अफ़सर) जे. विजयकुमार की कोरोना की रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी थी। जे विजय कुमार के बाद शुक्रवार को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल और अन्य संचालक डाॅ. वीणा सिन्हा कोविड-19 से ग्रस्त मिलीं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य जैन और डायरेक्टर सिन्हा के कोरोना पाॅजिटिव मिलने से न केवल नौकरशाही बल्कि स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया।