मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी नगर परिषद की एक महिला सीएमओ की जान पर क्यों बनी हुई है? महिला अफसर को पुलिस के प्रोटेक्शन के अभाव में कई दफा अपने घर में दुबके रहने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ रहा है? प्रदेश की प्रत्येक महिला को अपनी बहन बताने वाले शिवराज सिंह ‘अपने ही घर’ में इस ‘बहन’ की सुध क्यों नहीं ले रहे हैं? इन दिनों मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इन सवालों की गूंज हो रही है।
ज्योति सुनहरे के घर के परिसर में खड़ी निजी कार में कुछ अज्ञात तत्वों ने बीती 23 मई की रात को आग लगा दी थी। घटनाक्रम के वक्त ज्योति, उनकी तीन साल की बेटी और मां घर में मौजूद थीं। देर रात हुई वारदात के बाद आग ने घर को भी अपनी चपेट में ले लिया था। बहुत मुश्किल से ये लोग बचकर निकल पाये थे। ज्योति के पति विदिशा कलेक्ट्रेट कार्यालय में पदस्थ हैं। घटना वाली रात वह विदिशा में थे।
इस संबंध में बुधनी पुलिस में मामला दर्ज हुआ था। संयोगवश एक सीसीटीवी कैमरे में कुछ फुटेज मिली थीं, जिसमें एक मोटर साइकिल पर सवार दो संदिग्ध लोग ज्योति के घर के आसपास मंडराते नजर आये थे। यह फुटेज ज्योति ने ही उपलब्ध कराई थीं। पुलिस ने इन फुटेज को अपनी जांच में शामिल किया हुआ है।
घटना को सात दिन हो चुके हैं लेकिन बुधनी पुलिस आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा सकी है। घर और समान जल जाने के बाद ज्योति और उनके परिवार को ट्रायडेंट कंपनी के परिसर में ठहराया हुआ है।
घटना के बाद से ज्योति और उनका पूरा परिवार खासा भयभीत है। छुट्टी लेकर पति विदिशा से बुधनी आ चुके हैं। ज्योति के पिता भी बेटी के पास बुधनी आ गए हैं।
दो महीने में दूसरी घटना
सीएमओ ज्योति सुनहरे ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया कि 23 मई के पहले 13 और 14 अप्रैल को दो बार उनके पास मोबाइल नंबर 8770408827 से फोन काॅल आये थे। एक महिला ने फोन किया था और वह चाहती थी कि ज्योति उनसे आकर बताई गई जगह पर मिले। बकौल ज्योति, ‘मैंने मिलने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि यदि कोई बातचीत करनी है तो महिला उनके कार्यालय में आ जाए।’
उसी मोबाइल नंबर से 15 अप्रैल को फिर फोन आया। इस बार कहा गया, ‘बात ना सुनने का अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो।’ ज्योति ने इस बात की शिकायत पुलिस को कर दी थी और नंबर भी पुलिस को दे दिया था। इसके बाद 23 मई को कार में आग लगाने की घटना हो गई।
ज्योति का कहना है कि कौन उनकी जान का दुश्मन हो गया? वह यह नहीं समझ पा रही हैं। क्योंकि उनकी किसी से भी कभी दुश्मनी नहीं रही है। ज्योति ने कहा है कि वह सबकी सुनती हैं और नियम-कायदों में आने वाला कोई काम नहीं रोकती हैं। उन्होंने कहा है कि उनका सर्विस रिकॉर्ड देखा जा सकता है।
बड़ा सवाल यह है कि - दुश्मनी नहीं है, तो ज्योति के पीछे आखिर कौन और क्यों पड़ा हुआ है? सीहोर जिले के आला अफसर और भोपाल में बैठे अधिकारीगण मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े इस बेहद गंभीर मामले में ‘एक्शन मोड’ में क्यों नज़र नहीं आ रहे हैं?
ज्वाइनिंग में अटकाए गए रोड़े
अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाली ज्योति सुनहरे का तबादला दमोह जिले की हटा नगर परिषद से बुधनी नगर परिषद में 7 दिसंबर, 2019 को हुआ था। जब वह ज्वाइन करने कार्यालय पहुंची थीं तो उन्हें एक महीने बाद ड्यूटी ज्वाइन करने के ‘निर्देश’ हुए थे। कहा गया था, चार जनवरी के बाद आकर वे ड्यूटी ज्वाइन कर लें।
ज्योति ने ऐसा करने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि सरकार ने उन्हें भेजा है और वह सरकार के प्रति जवाबदेह हैं। जो लोग चाहते हैं कि वे ड्यूटी ज्वाइन ना करें, वही लोग सरकार से कहकर ऐसा आदेश जारी करवा दें। ज्योति ने कहा था कि अन्यथा ज्वाइनिंग तो वे करेंगी ही। इसके बाद उन्होंने अपना पदभार संभाल लिया था। यहॉं बता दें, नगर परिषद बुधनी की अध्यक्ष पुष्पा विजय सिंह का कार्यकाल 4 जनवरी को पूरा होने वाला था।
यह पूछे जाने पर कि पुष्पा विजय सिंह अथवा उनके समर्थक तो इस घटना के पीछे नहीं हैं? ज्योति इस बारे में कुछ भी नहीं कहतीं।
डायल 100 के भरोसे सुरक्षा
ज्योति सुनहरे को सुरक्षा के नाम पर फिलहाल डायल 100 मुहैया करवाई गई है। कार्यालय जाने के लिए ज्योति को इस वाहन के चालक को सूचित करने को कहा गया है। ज्योति बताती हैं, ‘मैं दस बजे ड्यूटी पर जाने के लिए फोन करती हूं तो वाहन दो-ढाई घंटे बाद आता है। यदि कहीं भ्रमण पर जाना हो तो वाहन के चालक और सुरक्षा कर्मी लंच का बहाना कर चलते बनते हैं।’
ज्योति ने कहा कि गुरूवार को उन्हें विभाग की वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल होना था और इसके लिए सीहोर जिलाधीश के कार्यालय जाना था। पुलिस की सुरक्षा ना होने की वजह से वे अकेले ही सीहोर की जगह होशंगाबाद गईं और वहीं से कांफ्रेंस में शामिल हुईं।
पुलिस बोली - जांच में जुटे हैं
मामले की जांच कर रहे एसडीओपी एसएस पटेल ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘जांच चल रही है। मामला काफी पेचीदा है। सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध मुंह पर गमछे बांधे हुए हैं। बाइक का नंबर भी अस्पष्ट है।’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने संदेह के आधार पर अब तक कई लोगों से पूछताछ की है और ठोस निष्कर्ष के लिये प्रयास जारी हैं।
सीएमओ ज्योति को अप्रैल माह में धमकी मिलने वाले फ़ोन काॅल्स के बारे में पूछे जाने पर एसडीओपी पटेल ने कहा, ‘तमाम सीडीआर एकत्र किये गये हैं। जिस मोबाइल से फोन काॅल की गई थी, उसके बारे में फिलहाल कुछ भी पता नहीं चल पाया है। सिम किसके नाम पर इश्यू था, यह भी मालूम नहीं हो पाया है।’ पटेल ने कहा कि फिलहाल वह फोन बंद हो चुका है। फिर भी हम पता लगाने में जुटे हुए हैं कि यह पूरा माजरा आखिर क्या है?
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