सवर्ण आरक्षण मोदी सरकार के लिए एक बड़ी मुसीबत बनने जा रहा है। पिछड़े तबके के नेता और राजनीतिक दल इस पर बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल ने पिछड़ों के लिए 50% आरक्षण की माँग की है। वह अब इस मसले पर बिहार के गाँव-गाँव में आंदोलन की तैयारी कर रही है। आरजेडी नेता और लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि पार्टी ‘बेरोज़गारी हटाओ और आरक्षण बढ़ाओ’ का नारा लेकर बिहार के कोने-कोने में जायेगी। तेजस्वी का आरोप है कि सवर्णों को बिना माँगे आरक्षण दे दिया गया और आनन-फ़ानन में संसद के दोनों सदनों से पास भी हो गया, जबकि पिछड़ों की माँग पर मोदी सरकार के कान पर जूँ भी नहीं रेंग रही है। तेजस्वी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘देश के बहुजन वर्षों से 50% आरक्षण की सीलिंग बढ़ाने की माँग कर रहे थे लेकिन अन्यायी जातिवादियों ने नहीं बढ़ाया और न ही बढ़ने दिया लेकिन सवर्ण आरक्षण बिन माँगे चंद घंटों में दे दिया। नागपुरिये जातिवादियों को आपके वोट से डर नहीं लगता। समझिये यह आरक्षण समाप्ति की शुरुआत है।’
सवर्ण आरक्षण मोदी को बचाएगा या डुबोएगा?
- चुनाव 2019
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- 29 Mar, 2025

सवर्ण आरक्षण मोदी सरकार के लिए एक बड़ी मुसीबत बनने जा रहा है। पिछड़े तबके के नेता और राजनीतिक दल इस पर बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
तेजस्वी की नाराज़गी इस बात पर है कि बिना किसी भी तैयारी के सवर्ण आरक्षण को लागू कर दिया गया है। तेजस्वी मानते हैं कि सवर्ण आरक्षण एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है। और यह सब दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को सामाजिक न्याय के नाम पर जो आरक्षण दिया गया है, उसको ख़त्म करने की दिशा में उठाया गया एक क़दम है।
- तेजस्वी लिखते हैं, ‘हम सवर्ण आरक्षण लागू करने के तरीक़े का विरोध कर रहे हैं। बिना किसी पद्धति, जाँच, आयोग, सर्वे और सर्वेक्षण के इन्होंने मात्र चंद घंटों में संविधान से छेड़छाड़ कर संशोधन कर दिया। जातिवादी मोदी सरकार द्वारा जल्जबाज़ी में लागू किये गये इस आरक्षण का हश्र नोटबंदी जैसा होगा।’
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।