सीबीआई के एक एसपी की देश के पावरफुल कैबिनेट मिनिस्टर अरुण जेटली के सामने क्या औक़ात है? और अगर ऐसे पावरफ़ुल मिनिस्टर को वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री का साथ मिल जाए तो फिर उस बेचारे का क्या हस्र होगा? यह आसानी से सोचा जा सकता है। मैं कोई कथा-कहानी नहीं कह रहा हूँ, यह हक़ीक़त है।

चंदा कोचर पर एफ़आईआर दर्ज़ होने के मामले में सीबीआई के एसपी सुधांशु धर मिश्रा को शाबाशी मिलने के बजाय जेटली की फटकार मिली और फिर उनका तबादला कर दिया गया।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।