चुनाव आ रहे हैं, इसलिए ट्विटर अब गाँव का रुख़ करेगा। उसका इरादा गाँवों, क़स्बों और छोटे शहरों में रहने वाले 19 करोड़ लोगों को अपने साथ जोड़ने का है। इसके लिए ट्विटर जगह-जगह रोड शो करेगा, क्षेत्रीय भाषाओं के ब्लॉगरों को अपने साथ लेगा और लोगों को सिखाएगा कि ट्विटर के प्लेटफ़ार्म का इस्तेमाल वह कैसे कर सकते हैं। अपने देश में लोगों की राजनीति में गहरी रुचि है। चुनावों के समय ख़ासतौर पर चौपालों से लेकर चाय के खोखों तक हर जगह चुनावी चर्चा गर्म रहती है। इसीलिए ट्विटर इस मौक़े का फ़ायदा उठा कर अपनी पहुँच गाँवों, क़स्बों और उन छोटे शहरों तक बढ़ाना चाहता है, जहाँ अभी बहुत कम लोग ट्विटर इस्तेमाल करते हैं या इसके बारे में कुछ जानते हैं।